दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा का राज्यों से जुड़े बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने का प्रयोग सफल रहने के बाद अब पार्टी इसे लोकसभा चुनाव में भी आजमाने जा रही है। अगले साल होने वाले लोक सभा चुनाव में भाजपा के कई राज्यसभा सांसद, विधायक, विधानपार्षद, पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी पदाधिकारी भी चुनाव मैदान में उतरेंगे। इनमें ऐसे केंद्रीय मंत्री भी शामिल रहेंगे, जो अभी राज्यसभा सांसद हैं।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सफलता के जो प्रमुख कारक रहे, उनमें एक बड़ा दांव राज्यों से जुड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव में उतारना था। इनमें केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय पदाधिकारी और लोकसभा सांसद भी शामिल रहे। पार्टी ने चार राज्यों मध्य प्रदेश , राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेंलगाना में कुल 21 सांसदों को चुनाव लड़ा था। इनमें 12 चुनाव जीतने में सफल रहे। पार्टी का मानना है कि यह बडा आंकड़ा है, लेकिन सबसे खास बात यह है कि इनके चुनाव लड़ने से पार्टी के पक्ष में सकारात्मक माहौल बना।
कार्यकर्ताओं में तो उत्साह आया ही, जनता को भी विश्वास हुआ कि पार्टी पूरी गंभीरता से चुनाव लड़ रही है। इसके अलावा विपक्षी रणनीति पर भी दबाव बना।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा की लोकसभा की रणनीति में कई राज्यसभा सांसदों को लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा गया है। कुछ ने तो अपनी सीटें भी पसंद करनी शुरू कर दी हैं। इस बीच राज्यों में नए नेतृत्व को सामने लाने के बाद वहां के प्रमुख नेताओं को भी केंद्रीय राजनीति में लाने पर विचार हो रहा है। इसमें कुछ पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यों में लंबे समय से विधायक व विधान पार्षद रहे नेता भी शामिल हैं। कुछ पार्टी पदाधिकारी भी जो अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं…के भी चुनाव लड़ने की संभावना है।