उत्तर प्रदेश:– हाईकोर्ट अपने आदेशों में योगी आदित्यानाथ के अधिकारी फंसते नजर आ रहे हैं। जस्टिस सलिल कुमार राय की बेंच ने DGP प्रशांत कुमार और सहारनपुर के एसएसपी को बुलडोजर एक्शन को लेकर 27 दिसंबर को कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा- क्यों न सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का आदेश ना मानने के लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।
इलहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस सलिल कुमार राय ने देहरादून निवासी अलका सेठी की अवमानना याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान वकील अवनीश त्रिपाठी और डॉ. आस्था मिश्रा ने पक्ष रखा। याची ध्रुव सेठी व उनकी पत्नी अलका सेठी ने सहारनपुर में एक जमीन का बैनामा कराया था, लेकि इस जमीन पर पुलिस की मदद से भू माफिया कब्जा करने लगा।
मामले को लेकर पीड़ित दंपत्ति ने अलग-अलग 2 FIR दर्ज कराई। मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी 2 बार शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इससे भू माफिया का हौंसला बढ़ता गया, उलटा अलका और ध्रुव के खिलाफ SC/ST एक्ट में मामला दर्ज हो गया। इस मामले पुलिस एक्शन में आ गई। पुलिस ने पीड़ित दंपत्ति के खिलाफ चार्जशीट बना दी, जिसके खिलाफ अलका और ध्रुव हाईकोर्ट पहुंच गए।
इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलका और ध्रुव के खिलाफ पुलिस की चार्जशीट को निरस्त करने का आदेश दे दिया। इसके साथ ही यूपी डीजीपी को कहा कि दंपत्ति की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर की 4 महीने में जांच करवाएं और जांच सहारनपुर SSP से करवाई जाए। वहीं पीड़ित पति-पत्नी के अनुसार आदेश के 6 माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इधर, भू-माफिया और सरकारी लेखपाल ने मिलकर दंपती के घर को अवैध बताते हुए बुलडोजर से गिरवा दिया। इसकी शिकायत दंपती ने SO बिहारीगढ़ से की। कोई कार्रवाई न होने पर DGP से भी शिकायत की, यहां भी कोई राहत नहीं मिली। लेखपाल के बुलडोजर एक्शन और हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मानने के मामले में दंपती ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट ने DGP को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा। ध्रुव के मुताबिक, इन सब घटनाक्रम के बीच उनकी पत्नी अलका सेठी के गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट में इसके साक्ष्य भी रखे गए। इसके बाद कोर्ट ने DGP और SSP सहारनपुर को तलब किया।