अयोध्या:- राम नाम की गूंज के साथ रामलला की अति सुंदर प्रतिमा की पहली तस्वीर सामने आ गई है. भगवान राम की यह प्रतिमा 22 जनवरी दिन सोमवार को स्थापित की जाएगी. इस प्रतिमा को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगराज ने खास तरह से बनाया है. भगवान राम की इस प्रतिमा को काले रंग के शालिगराम पत्थर से बनाया गया है. इस प्रतिमा की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें संसार के पालनहार भगवान विष्णु के दशावतारों की प्रतिमाएं उकेरी गई हैं. ऐसे में भक्तों को भगवान राम के दर्शन मात्र से उनके दशावतारों का भी आशीर्वाद मिलेगा. साथ ही प्रतिमा में मौजूद वीर हनुमान आपकी रक्षा करेंगे. आइए उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकांत मिश्र शास्त्री से जानते हैं भगवान विष्णु के दशावतार के बारे में-
मत्स्य: भगवान विष्णु का सबसे पहला अवतार मछली के रूप में माना जाता है. मछली मानव जीवन की उत्पत्ति को दर्शाती है. ऐसा इसलिए कि पृथ्वी पर जीवन का प्रारंभ जल में हुआ था. ऐसे में अयोध्या में भगवान विष्णु जी के दर्शन करने से संकट दूर होता है तथा भक्तों के कार्य सिद्ध होते हैं.
कूर्म: देवताओं और दानवों की समुद्र मंथन में सहायता करने के लिए भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लिया था. इन्हें कच्छप अवतार भी कहा जाता है. इस प्रकार मनुष्य के विकास के क्रम में कछुए का स्थान दूसरा है. इनका आशीर्वाद पाने के लिए आप कुछ दिन बाद अयोध्या राम मंदिर के दर्शन कर सकते हैं. ऐसा करने से भक्तों को मनवांछित फल मिलता है.
वराह: भगवान विष्णु के तीसरे अवतार के रूप में वराह देवता माने जाते हैं, जोकि जंगली सूअर समेत अन्य जंगली जीवों को दर्शाते हैं. माना जाता है कि भगवान वराह के दर्शन मात्र से भक्तों के कार्य सफल हो जाते हैं. साथ ही वर्षों से अटके कार्य भी बनने लगते हैं. इस अवतार का आशीर्वाद पाने के लिए आप अयोध्या राम मंदिर जा सकते हैं.
नृसिंह: विष्णु जी का चौथा अवतार श्रीहरि नृसिंह भगवान का माना जाता है. कहा जाता है कि जंगली जीवों में जब थोड़ी सी बुद्धिमानी आ गई तो वह आधे जानवर और आधे मनुष्य के रूप में प्रकट हो गए. इस स्वरूप के दर्शन और पूजा करने से आपका जीवन सफल होता है. साथ ही दुश्मन पस्त होते हैं.
वामन देवता: भगवान विष्णु के पांचवें अवतार को वामन देवता कहा जाता है. माना जाता है कि, नृसिंह के माध्यम से मानवीय रूप में आने वाले जीव ने अब बौने मनुष्य के रूप में जन्म लिया. अयोध्या में स्थापित रामलला की प्रतिमा में वामन देवता की मूर्ति भी उकेरी गई है. इसलिए अयोध्या राम मंदिर जाने से वामन देवता का भी आशीर्वाद मिलेगा.
परशुराम:- मनुष्य को जब औजार की आवश्यकता पड़ी तो भगवान विष्णु ने परशुराम के रूप में अवतार लिया. परशुरामजी के पास हथियार के रूप में कुल्हाड़ी थी, जो गुफा और वन में रहने के लिए भोजन जुटाने और अन्य सामिग्री जुटाने के काम आई. ऐसे में जब आप अयोध्या राम मंदिर जाएंगे तो भगवान परशुरामजी के भी दर्शन हो जाएंगे.
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम: धरती पर जब मनुष्यों की अच्छी भीड़ हो गई तो राजा-प्रजा और समाज का ताना-बाना बुनने के लिए भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में अवतार लिया था. भगवान राम प्रजा के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जाने गए. रामलला के ऐसे श्यामल रूप के दर्शन के लिए 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर में उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इस प्रतिमा में श्री कृष्ण, महात्मा बुद्ध और कल्कि की मूर्ति को भी उकेरा गया है, जोकि विष्णुजी के ही अवतार हैं.