कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया। इसके तहत, बाबुल सुप्रियो को पर्यटन विभाग से हटाकर सूचना प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का प्रभार सौंपा।
सीनियर अधिकारी ने बताया कि तकनीकी शिक्षा, प्रशिक्षण व कौशल विकास विभाग के राज्य मंत्री इंद्रनील सेन को पर्यटन विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है।
नौकरशाह ने कहा कि वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को सार्वजनिक उद्यम और औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
उन्हें को-ऑपरेटिव विभाग का अतिरिक्त भार सौंपा गया है। वहीं, अरूप राय के पास को-ऑपरेटिव विभाग था, उन्हें अब फूड प्रोसेसिंग सौंपा गया है। निवेश की तलाश में दुबई और स्पेन की यात्रा पर रवाना होने की पूर्व संध्या पर बनर्जी ने यह फेरबदल किया।
इस बीच, राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने दो दिन पहले केंद्र व राज्य सरकार को भेजे 2 ‘गोपनीय’ पत्रों की जानकारियां देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्पेन की अपनी निर्धारित यात्रा के दौरान किसी तनाव में रहें।
चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंचीं प्रियंका गांधी दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि अगर महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर राजघाट पर विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई तो उनकी पार्टी के लोग वहां प्रार्थना करेंगे।
ममता बनर्जी ने अपने भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी को केंद्र के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भेजे गए समन की भी निंदा की। अभिषेक बनर्जी को सरकारी स्कूल में नौकरियों से जुड़े कथित घोटाले के साथ-साथ कथित गाय तस्करी से जुड़े एक अन्य मामले में भी आरोपी बनाया गया है।
सीएम ममता ने अपने आगामी विदेश दौरे को लेकर बताया कि राज्यपाल ने केवल इतना कहा, ‘आगामी विदेश यात्रा के लिए शुभकामनाएं।’ ममता बनर्जी मंगलवार को राज्य में निवेश की संभावना तलाशने के लिए दुबई और स्पेन की यात्रा पर जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं पांच साल बाद विदेश जा रही हूं, इससे पहले विदेश यात्रा के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी,
हालांकि मेरे पास कई कार्यक्रमों के आमंत्रण आए थे।’ ममता ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस हमारी दुश्मन नहीं है, लेकिन वे हमें राजघाट पर विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं दे पाएंगे, क्योंकि यह एक राजनीतिक अपील होगी।
हालांकि, हम अभी भी वहां प्रार्थना करने जा सकते हैं, यह हमेशा अनुमति योग्य है।