कोलकाता: रामपुरहाट आगजनी मामले के आरोपी की हिरासत में मौत के केस में CBI ने एक्शन लिया है। जांच एजेंसी ने इस मामले में 2 अधिकारियों और 2 कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक TMC नेता भादू की हत्या की जांच कर रहे अधिकारी और रामपुरहाट आगजनी और नरसंहार केस के जांच अधिकारी को सस्पेंड किया गया है। चारों जांच अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। इसकी निगरानी सीबीआई के डीआईजी करेंगे. जल्द इन मामलों की जांच के लिए नए अधिकारियों की नियुक्ति होगी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को गुवाहाटी में तैनात भारतीय रेलवे के एक हवाला ऑपरेटर और एक अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) समेत सात लोगों को 50 लाख रुपये की रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान गुवाहाटी के एडीआरएम जितेंद्र पाल सिंह (आईआरएसई-1997), ठेकेदार श्यामल कुमार देब, जिसने पैसे की व्यवस्था की, लोक सेवक का जानकार हरिओम और उसका ड्राइवर योगेंद्र कुमार सिंह, हवाला दुकान का कैशियर दिलावर खान, मालिक विनोद कुमार सिंघल उर्फ मुकेश और संजीत रे के रुप में हुई है।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रिश्वतखोरी के आरोप में सिंह और ठेकेदारों सहित अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
सीबीआई ने कहा कि अभियुक्तों ने निजी ठेकेदारों को ठेका देने, अकाउंट बिल, पेडिंग बिलों के भुगतान को जल्दी जारी करने और नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे में चल रहे निर्माण कार्य के साथ-साथ सुरक्षा जमा और बैंक गारंटी जल्द जारी करने के इरादे से एक साजिश में रची।
अधिकारी ने कहा, “न्यू जलपाईगुड़ी एनएफआर में चीफ इंजीनियर के रूप में तैनात रहने के दौरान सिंह ठेकेदारों से अनुचित लाभ की मांग करता था। देब दिल्ली में हवाला ऑपरेटर रे से ओम के जरिए सिंह को रिश्वत पहुंचाने में मदद कर रहा था।”
सीबीआई ने जाल बिछाया और 50 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए सिंह और अन्य व्यक्तियों को पकड़ लिया।
दिल्ली, नरौरा, गुवाहाटी, सिलीगुड़ी और अलीगढ़ सहित विभिन्न स्थानों पर सिंह और अन्य के परिसरों में तलाशी ली गई, जिसमें 47 लाख रुपये नकद, लैपटॉप और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।
गिरफ्तार सभी आरोपियों को दिन में बाद में सक्षम न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।