रायपुर:- मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत गांव के विकास के नाम पर चलाई गई योजनाओं का हाल बेहद बुरा है. खड़गवां जनपद के ग्राम पंचायत मंगोरा में 16 लाख रुपए की लागत से बनीं सीसी रोड 8 महीनों में ही उखड़ गई.जिससे अब सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सड़क को लेकर अब सरपंच और सचिव के साथ निरीक्षण करने वाले एसडीओ और इंजीनियर की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
क्वॉलिटी का नहीं रखा गया ध्यान : मंगोरा गांव के लोगों के मुताबिक सड़क निर्माण में किसी भी तरह के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है.जिसके कारण ही एक बारिश भी सड़क नहीं झेल पाई.अब इस सड़क पर बालू और गिट्टी उखड़कर बिखर रहे हैं. सरकार गांव का विकास चाहती है, लेकिन सरपंच और सचिव के साथ अधिकारी ही योजनाओं को बर्बाद कर रहे हैं. दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
सीसी सड़क निर्माण में शामिल राजमिस्त्री ने कहा कि निर्माण के दौरान सामग्री की गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया.
बालू और गिट्टी का मानक अनुरूप उपयोग नहीं किया गया, जिससे सड़क कुछ महीनों में ही बर्बाद हो गई.हमने इस बारे में ठेकेदार को बोला भी था.लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया है – राधेश्याम, राजमिस्त्री
जब इस मामले में परियोजना निदेशक नितेश उपाध्याय से बात की गई, तो उन्होंने जांच का आश्वासन दिया.लेकिन प्रशासन की सुस्त कार्यप्रणाली पर ग्रामीणों को भरोसा नहीं है.
जिस जगह की आप बात कर रहे हैं.वहां सड़क निर्माण को लेकर शिकायत मिली है.हम उसकी टीम बनाकर जांच करवाएंगे.आगे जैसा भी मामला सामने आएगा उसी के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी- नितेश उपाध्याय, परियोजना निदेशक
छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करती है. लेकिन इन पैसों का बड़ा हिस्सा सरपंच, सचिव और अधिकारियों की मिलीभगत से कमीशनखोरी में चला जाता है. ग्राम पंचायत मंगोरा में हुए घटिया निर्माण ने एक बार कमीशनखोरी की ओर इशारा किया है.सरकार जहां एक ओर गांवों के विकास के मिशन पर काम कर रही है.वहीं दूसरी ओर चंद अधिकारी मिशन में ही कमीशन तलाश कर गांवों को खोखला कर रहे हैं.