ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल। सीमेंट 300 से 350 रुपए बोरी। असर निर्माण कार्यों पर ब्रेक। तेजी के आसार आगे भी बने रहने की आशंका इसलिए है क्योंकि हड़ताल खत्म होने के आसार दिखाई नहीं देते।
मानसून की विदाई के संकेत मिलते ही निर्माण कार्य और बड़े प्रोजेक्ट में तेजी आने लगी है लेकिन तेजी के पहले ही दौर में सीमेंट ने जैसी छलांग लगाई है, उससे उपभोक्ता और वह खरीददार हैरत में हैं, जो बड़ी मात्रा में सीमेंट की खरीदी करते हैं। एक साथ 20 से 70 रुपए की उछाल के बाद काम पर ब्रेक लग चुका है। कब चालू होंगे ? जैसे सवाल के जवाब अंधेरे में ही हैं।
डीजल की बढ़ती कीमत से सीमेंट परिवहन करने वाली ट्रांसपोर्ट कंपनियों को पहले की तुलना में ज्यादा पैसे लग रहे हैं। जबकि परिवहन की दरें यथावत ही हैं। बढ़ते नुकसान को देखते हुए सीमेंट कंपनियों से परिवहन शुल्क बढ़ाने की मांग रखी हुई है लेकिन जवाब नहीं मिले। इसलिए ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर जा चुके हैं। बातचीत का दौर जारी है लेकिन सार्थक नतीजा अब तक नहीं निकल पाया है।
मानसून की विदाई के संकेत मिलते ही निर्माण कार्यों में गति पकड़नी चालू कर दी है लेकिन सीमेंट की रोज आती नई कीमत हैरान कर रही है। इस समय 260 से 285 रुपए वाली विभिन्न सीमेंट कंपनियों की सीमेंट 300 से 350 रुपए में मिल रही है। इसमें आगे भी बढ़त के आसार बने हुए हैं।
सीमेंट डीलरों की मानें तो भंडारण क्षमता के अनुपात में यह मात्रा कम रखी गई थी क्योंकि बारिश में सेट होने की आशंका थी। फिर भी जो सीमेंट स्टॉक में है उसके मुश्किल से 1 सप्ताह तक ही चल जाने की संभावना है। इसलिए कालाबाजारी का दौर चल रहा है, जिससे निर्माण क्षेत्र पर अनावश्यक भार पड़ रहा है।