अगले कुछ महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों होने हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर शामिल है, लेकिन कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रकोप को लेकर चुनाव आयोग से लेकर राजनीतिक दल चिंतित है। चुनाव आयोग की एक टीम हालात को जायजा लेने के लिए आज उत्तर प्रदेश के दौरे पर है।
साथ ही टीम अन्य राज्यों का भी दौरा कर वहां की हकीकत जानने की कोशिश करेगी। वहीं, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने चुनाव आयोग को तय समय से पहले चुनाव कराने का सुझाव दिया है। बता दें कि अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने हैं ।
मीडिया से बात करते हुए, मंत्री सिंहदेव ने कहा, `गोवा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर सहित पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव को स्थगित करना सही निर्णय नहीं होगा।` उन्होंने कहा, `भारत के चुनाव आयोग को निर्धारित समय से पहले चुनाव कराना चाहिए, क्योंकि कोविड -19 महामारी की संभावित तीसरी लहर के बीच में अगर चुनाव कराए जाते हैं तो समस्याएं और बढ़ जाएंगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव स्थगित करने की मांग की
टीएस सिंहदेव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर भी आश्चर्य जताया। उन्होंने बताया कि चुनाव को 1-2 महीने के लिए स्थगित कर दिया जाता है तो समस्याएं घटने के बजाए और तेजी से बढ़ेंगी। बता दें कि 24 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग ने अभी 1 से दो महीने तक चुनाव स्थगित करने का सुझाव दिया था। साथ ही राजनीतिक दलों की रैलियों और जनसभाओं पर तुरंत रोक लगाने की मांग की थी।