राजनाथ सिंह के वीडी सावरकर पर दिए बयान के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। एक तरफ राजनाथ सिंह के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है तो अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी मैदान में उतर आए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि- छत्तीसगढ़ में आरएसएस की नहीं चलती है, सबकुछ नागपुर से चलता है। नक्सलियों के नेता आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और अन्य राज्य में हैं और यहां के लोग गोली चलाने और खाने का काम करते हैं। ऐसी ही स्थिति आरएसएस की भी है। यहां आरएसएस के लोगों का महत्व नहीं है, जो कुछ है वह नागपुर है।
सावरकर पर यह बोले
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने रक्षामंत्री के सावरकर वाले बयान पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि उस समय सावरकर कहां थे और महात्मा गांधी कहां थे? सावरकर जेल में थे तो महात्मा गांधी की उनसे बात कैसे हुई? उन्होंने आगे कहा कि सावरकर ने दया याचिका दाखिल की और उसके बाद अंग्रेजों के साथ ही रहने लगे। 1925 में जेल से छूटने के बाद सावरकर ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने ‘टू नेशन थ्योरी’ की वकालत की थी।
क्या कहा था राजनाथ सिंह ने
राजनाथ सिंह ने कहा था कि वीर सावरकर को बदनाम करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने आजीवन कारावास के दौरान ब्रिटिश हुकूमत के समय दया याचिका दाखिल की थी। जबकि, उनसे दया याचिका के लिए महात्मा गांधी ने ही कहा था। उन्होंने कहा था सावरकर को हिंदूवादी बताया जाता है। सावरकर हिंदुत्व को मानते जरूर थे, लेकिन वे हिंदूवादी नहीं थे। वे राष्ट्रवादी थे। 20वीं सदी के सबसे बड़े सैनिक व रक्षा विशेषज्ञ थे।’
ओवैसी ने किया पलटवार
असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि- ‘ये लोग विकृत इतिहास को पेश कर रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो वे महात्मा गांधी को हटा देंगे और सावरकर को राष्ट्रपिता बना देंगे, जिन पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप था। जस्टिस जीवन लाल कपूर की जांच में वह शामिल थे।’