कोरबा। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड ने समावेशिता को बढ़ावा देने और दिव्यांग बच्चों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया। कंपनी ने दिव्यांग बच्चों के लिए माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन और कपड़ा सिलाई पर प्रशिक्षण सहित कई सत्रों को आयोजित किया। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को प्रेरक कहानियों और हस्त चित्रों के साथ इन बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
दिव्यांग किशोरों को अक्सर माहवारी और दिव्यांगता से जुड़े दोहरे चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बालको ने माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन पर विशेष रूप से डिजाइन किए गए शिक्षण मॉड्यूल को शुरू किया। यह मॉड्यूल बालको की नई किरण परियोजना के अंतर्गत शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य माहवारी संबंधी मिथकों और भ्रांतियों के प्रति लोगों में जागरूकता और क्षमता निर्माण के माध्यम से माहवारी के दौरान स्थायी स्वच्छता प्रथाओं का विकास करना है। दिव्यांग बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए निर्देशित इस मॉड्यूल में विशेष रूप से माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन पर दिव्यांग किशोरों को शिक्षित करने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई शिक्षण सामग्री और तरीके उपलब्ध कराए गए हैं।
बालको ने ‘स्टिच माई ओन पैड’ नामक एक विशेष क्षमता-निर्माण कार्यक्रम भी संचालित किया। आर्थिक रूप से कमजोर और माहवारी से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करते हुए कंपनी द्वारा संचालित प्रशिक्षण ने अलग-अलग दिव्यांग किशोरियों को अपने स्वयं के पुन: प्रयोज्य कपड़े के पैड सिलने के लिए सशक्त बनाया। बालको ने उनकी माहवारी संबंधी जरूरतों के लिए एक स्थायी और स्वच्छ समाधान प्रदान किया।
कंपनी के मॉड्यूल से मूक, श्रवण और दृष्टि बाधित बच्चों और संवेदी चुनौतियों का सामना करने वाले इन व्यक्तियों को अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है। कर्मचारी की स्वयंसेवा भावना के माध्यम से कंपनी ने अपने कर्मचारियों के साथ परिचर्चा सत्र का आयोजन किया, जिसने इन दिव्यांग बच्चों में आशा और प्रेरणा पैदा की। कई कर्मचारी प्रेरणादायक कहानी सुनाने और हाथ से पेंटिंग बनाने जैसी गतिविधियों के माध्यम से इन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों के लिए सरकारी संस्थान, दिव्य ज्योति स्कूल, कोरबा छत्तीसगढ़ के 120 से अधिक दिव्यांग बच्चों ने भाग लिया।