दिल्ली:- दिल्ली आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में ईडी के हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल किया है. उन्होंने लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा होने से ठीक पहले अपनी गिरफ्तारी के तरीके और समय का जिक्र करते हुए सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी और ऐसे में उनकी गिरफ्तारी ईडी की मनमानी के बारे में बहुत कुछ कहती है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी अवैध है. यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और संघवाद पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर हमला है.
केजरीवाल का ईडी के हलफनामे पर SC में जवाब
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति मामले में अभी न्यायिक हिरासत में हैं. उन्होंने अपने वकील के जरिए शीर्ष अदालत को बताया है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामला एक “क्लासिक मामला है कि कैसे केंद्र सरकार ने अपने सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी और उसके नेता को कुचलने के लिए पीएमएलए के तहत ईडी और इसकी व्यापक शक्तियों का दुरुपयोग किया है.
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका का विरोध करते हुए ईडी की ओर से दायर जवाबी हलफनामे के जवाब में सीएम केजरीवाल ने ये बातें कही हैं. अपने जवाब में सीएम केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा, ”आम चुनाव की अधिसूचना जारी होने और आदर्श आचार संहिता लागू होने के पांच दिन बाद ईडी ने एक मौजूदा मुख्यमंत्री को अवैध रूप से गिरफ्तार कर लिया.” ईडी ने आरोप लगाया है कि शराब नीति मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस अपराध से जुड़ी प्रक्रिया में शामिल हैं.