एमपी:- सीएम मोहन यादव ने बड़ा बदलाव किया है. मोहन सरकार ने प्रदेश के 46 निगम, मंडल और प्राधिकरणों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की नियुक्तियां निरस्त कर दी हैं. इन सभी को शिवराज सिंह चौहान सरकार ने नियुक्त कर कैबिनेट और राज्यमंत्रियों का दर्जा दिया था. अब इन सभी पदों पर लोकसभा चुनाव ) के बाद ही नियुक्तियां होने की संभावना है.
मध्यप्रदेश सरकार ने सभी निगम, मंडल, प्राधिकरणों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. डॉ. मोहन यादव सरकार ने इनको हटाने का बड़ा फैसला लिया है. नियुक्तियां निरस्त करने के आदेश संबंधित विभागों द्वारा जारी किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक इन पदों पर अब लोकसभा चुनाव के बाद ही नियुक्तियां की जाएंगी.
शिवराज सरकार ने 2020 के बाद कई बड़े नेताओं को निगम मंडल और बोर्ड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाया था. सिंधिया गुट के कई नेताओं को इसमें जगह दी गई थी. निगम मंडलों के तहत राज्य सरकार ने कई नेताओं को मंत्री का दर्जा दिया था, इस तरह से उन्हें एडजस्ट किया गया था. सूत्रों के मुताबिक मोहन सरकार निगम, मंडल और प्राधिकरणों में अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की नियुक्ति लोकसभा चुनाव के बाद ही करेगी. इस बार नए नेताओं को भी मौका दिया जा सकता है, वहीं कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी निगम मंडलों के जरिए एडजस्ट किया जा सकता है.
बीजेपी राज्यसभा उम्मीदवारों का ऐलान
राज्यसभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने मध्य प्रदेश की चार सीटों और ओड़ीसा की एक राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार घोषित किए हैं. एमपी से बीजेपी के उम्मीदवारों के नाम चौंकाने वाले हैं. मध्य प्रदेश से डॉ. एल मुरुगन, उमेश नाथ महाराज, माया नारोलिया और बंसीलाल गुर्जर को टिकट दिया गया है.