: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना से देशभर में आक्रोश का माहौल है. हर गुजरते दिन के साथ लोग दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही लोगों ने मांग की है कि इस मामले पर त्वरित न्याय हो.
लोगों के बढ़ते आक्रोश और भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य राजनीतिक दलों के हमलों के बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक, 2024 पारित हुआ. इस विधेयक में दुष्कर्म के अपराध में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया. हालांकि, अब इस विधेयक पर जमकर राजनीति हो रही है. क्या बोले बंगाल विधानसभा स्पीकर?
पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने अपराजिता बिल की तारीफ करते हुए कहा, ‘बंगाल की चीजें दूसरे राज्यों से अलग हैं, राज्यपाल को तुरंत इसे पारित करना चाहिए. जरूरत पड़े तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलें और राज्यपाल सीवी आनंद बोस बंगाल के लिए पहल करें.’विपक्ष पर साधा निशानापश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने अपराजिता बिल के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा. वो बोले, ‘विरोधी दल के नेता किसी भी बैठक में शामिल नहीं होते, अगर वे नहीं आए तो मैं क्या कर सकता हूँ?
विपक्ष सभी के इस्तीफे की मांग कर रहा है लेकिन बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मिसाल कायम की है.’राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने क्या कहा?पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने इस मुद्दे पर ममता सरकार को घेरा है. राज्यपाल ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार ने अपराजिता बिल मामले की टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी है. बता दें कि इससे पहले राज्यपाल ने कोलकाता पुलिस और बंगाल प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पुलिस का एक हिस्सा आपराधिक, एक हिस्सा भ्रष्ट और एक हिस्सा राजनीतिक हो चुका है. अपराजिता बिल कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी कई मुद्दों पर बंगाल सरकार और राज्यपाल में टकराव देखने को मिल चुका है.