कोरबा :- नगर पालिका निगम कोरबा की मेयर इस बार एक महिला होगी. यह तो तय हो चुका है. कोरबा निगम की सीट सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है. ऐसे में अब दोनों पार्टियां इस सीट को कब्जा करने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं.
लोकसभा चुनाव में मिली लीड पर लग रहे कयास : जब भी नगर पालिका निगम कोरबा में चुनाव होता है, तब परिस्थितियां लोकसभा और विधानसभा से अलग हो जाती है. पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में सरोज पांडे कोरबा से सांसद का चुनाव हारी जरूर, लेकिन अकेले कोरबा विधानसभा से उन्हें 50000 वोट की लीड मिली थी. वहीं, दूसरी तरफ पिछले 10 वर्षों से नगर पालिक निगम कोरबा की सत्ता पर कांग्रेस काबिज है. अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा की लीड क्या निकाय चुनाव में कन्वर्ट होगी या फिर परिस्थितियों पूरी तरह से पलट जाएंगी.
पिछले दो चुनाव में भाजपा को लीड : 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कोरबा विधानसभा क्षेत्र से लखन लाल देवांगन 25629 वोट से जीते थे. वहीं, पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में सरोज पांडे हार गई, लेकिन उन्हें कोरबा में 50000 वोट से लीड मिली थी. विधानसभा और लोकसभा दोनों ही चुनाव में कोरबा शहर के मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया था. लेकिन अब निकाय चुनाव के मुद्दे अलग हैं. इसलिए वोटिंग का यह पैटर्न निकाय चुनाव में बना रहता है या फिर बदलता है. इसका गुणा भाग करने में दोनों ही पार्टियों लगी हुई हैं.
10 वर्षों से निगम की सत्ता पर कांग्रेस काबिज : नगर पालिका निगम कोरबा में मेयर पद के लिए यह छठवां चुनाव है. पहले तीन पंचवर्षीय कार्यकाल में भाजपा के प्रत्याशी विजय रहे. इसके बाद लगातार दो बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 2015 में रेनू अग्रवाल ने यहां से जीती और मेयर का पद संभाला. 2020 में नगर पालिक निगम कोरबा में बीजेपी के पार्षद अधिक थे, लेकिन तब अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली से मेयर चुना गया. इस दौरान निर्दलीयों और कुछ क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति के दम पर अपना मेयर बनाया. कांग्रेस के राजकिशोर प्रसाद 2020 से लेकर 2025 तक मेयर रहे.
10 साल से कोई काम नहीं हुआ, इसलिए परिवर्तन तय”: पिछले 10 वर्षों से नगर पालिक निगम की सत्ता से बीजेपी बाहर है, जिसकी वजह से इस बार वह अपना मेयर बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं. बीजेपी की मेयर प्रत्याशी संजू देवी राजपूत का कहना है कि लोकसभा की लीड इस बार के मेयर चुनाव में कन्वर्ट हो जाएगी, इसलिए परिवर्तन होना तय है.
कोरबा नगर पालिका निगम में समस्याएं बहुत सारी हैं. सभी को पता है कि 10 साल से यहां कांग्रेस के मेयर बैठे थे, जिसके कारण कुछ भी काम नहीं हुआ है. अभी जब हम डोर टू डोर घूम रहे हैं तो कई जगह की समस्याएं सामने आ रही हैं. जब हम सत्ता में थे, तब कंक्रीट की ढलाई हुई थी. इसके बाद कोई काम नहीं हुआ है. लोकसभा की लीड इस बार के मेयर चुनाव में कन्वर्ट हो जाएगी : संजू देवी राजपूत, मेयर प्रत्याशी, बीजेपी
“लोकसभा की लीड का स्थानीय चुनाव में कोई मतलब नहीं “: लोकसभा चुनाव में कोरबा विधानसभा से भाजपा को मिली से लीड के सवाल पर कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी ने प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस मेयर प्रत्याशी उषा तिवारी ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा अलग अलग परिस्थितियों होती हैं.
यह जो नगर निगम का चुनाव है, वह पूरी तरह से स्थानीय चुनाव है. यह चुनाव दूसरे ढंग से लड़ा जाता है. विधानसभा व लोकसभा चुनाव की परिस्थितियां अलग होती हैं. यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है, ना कि वोट प्रतिशत पर. अब सब कुछ जनता के हाथ में है. जनता जैसा तय करेगी, जिसे आशीर्वाद देगी, वही जीतकर आएगा : संजू देवी राजपूत, मेयर प्रत्याशी, बीजेपी
कोरबा में मेयर का छठवां चुनाव, अब तक ये रहे मेयर :
श्याम कंवर – बीजेपी (2000-2005)
लखन लाल देवांगन – बीजेपी (2005–2010)
जोगेश लांबा – भाजपा (2010–2015)
रेनू अग्रवाल – कांग्रेस (2015–2020)
राजकिशोर प्रसाद – कांग्रेस (2020–2025)