जालंधर, पंजाब में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शनिवार को जालंधर से कांग्रेस सांसद चौधरी संतोख सिंह का निधन हो गया। उन्हें हार्ट अटैक आया था। चौधरी के इस तरह से अचानक हुई मौत से पंजाब ही नहीं, पूरे देश में खासकर सियासी गलियारों में शोक की लहर है।
सांसद चौधरी मौजूदा समय में 75 साल से ऊपर थे, लेकिन देश की राजनीती में उनकी सक्रियता युवाओं से कहीं ज्यादा थी।संतोख सिंह की उम्र वैसे तो 75 पार हो चली थी। लेकिन आज भी वह इस उम्र रोजाना जिम करते थे। कितनी भी गर्मी और बारिश हो वह अपने जिम करने के रूटी ने से नहीं चूका करते थे। वो हर दिन करीब आधा घंटे जिम में पसीना बहाया करते थे। इसके बाद10 मिनट ब्रिस्क वाक करते।
वर्कआउट कर कितनी कैलोरी बर्न करनी है, इसका पूरा ध्यान रखते थे। तभी तो वह अपनी फिटनेस से युवाओं को भी टक्कर देते थे।संतोख सिंह के विधायक बेटे ने कहा कि पिता रोजाना सुबह 4 बजे उठाया करते थे। वह 5 बजे जिम पहुंच जाते थे। निधन से पहले उन्होंने खुद अपने और मेरे लिए चाय बनाई थी। मैं कल रात को जब 2 बजे मैं उनके पास पहुंचा तो उनसे सोने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कहा अब क्या सोना 4 बजे तो फिर उठना ही है।
मेरे पिता वक्त और अनुशासन के पक्के थे।संतोख सिंह रेगुलर जिमिंग, रोज ब्रिस्क वाक के साथ-साथ गोल्फ खेलना और किताबें पढ़ना पसंद था। उन्हेंअपनी पत्नी के लिए ब्रेकफास्ट बनाना पसंद था। जब भी कभी उन्हें समय मिलता था, वे दोनों के लिए पसंदीदा खाना बनाते थे। कांग्रेस सांसद संतोख सिंह ने 1978 में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। वह उस समय पंजाब युवा कांग्रेस नेता थे।
इस दौरान वो 1978 से 1982 तक पंजाब युवा कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहे। वह जालंधर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर 2014 और 2019 में चुनाव जीते थे। फिलहाल वो जालंधर एससी सीट से कांग्रेस सांसद थे।सांसद संतोख सिंह ने अपने सियासी करियर में तीन महीने की जेल भी काटी है। पंजाब आतंकवाद के काले दौर से गुजर रहा था और कई कांग्रेसी विदेश शिफ्ट होने लगे थे, तब चौधरी ने ही पार्टी का झंडा बुलंद रखा था।
मूल रूप से लांधरा हाउस, नूर महल रोड, फिल्लौर, जालंधर, पंजाब के रहने वाले थे। वह पंजाब में कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। उनकी गिनती राज्य के सीनियर नेताओं में होती थी। संतोख सिंह दो बार विधायक व मंत्री रहे और फिर 2014 में जालंधर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे।