भिलाई। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को लगातार एक के बाद एक झटका मिल रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को खत लिखकर पूर्व सभापति राजेंद्र अरोरा ने भी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस को झटका दिया है। वे वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड से 3 बार पार्षद चुनाव जीते और सभापति के तौर पर भी एक कार्यकाल पूरा किया।
खत में उन्होंने बताया है कि अत्यंत व्यथित मन से साफ कर रहे हैं कि 40 साल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की रीति नीति में चलकर जन सेवा किया। पिछले 5 साल में जो कुछ भी कांग्रेस के जिम्मेदार लोगों ने किया है, वह अत्यंत पीड़ादाई है। ऐसे हालात में कांग्रेस में बने रहना अपने आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने के बराबर है।
1983 में हुए कांग्रेस में शामिलउन्होंने बताया कि 1983-84 को नेहरु सांस्कृतिक सदन सेक्टर-1 में कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए। तत्कालीन महामंत्री राजीव गांधी की उपस्थिति में मध्यप्रदेश के तत्कालिन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने सर्वोत्तम कार्यकर्ता के रूप में सम्मानित किया।इस समय बने पार्षदभिलाई नगर निगम गठन के बाद 2000, 2005 और 2010 में हुए चुनाव में लगातार तीन बार कैंप क्षेत्र की श्रमिक बहुल बस्ती से चुनाव लड़ा और पूरे निगम क्षेत्र में सर्वाधिक मतों से जीत के अंतर का रिकॉर्ड बनाया। 2010 में नगर पालिक निगम भिलाई के सभापति बने।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस में अब वरिष्ठों को सम्मान नहीं मिल रहा है। जिन्होने अपनी मेहनत और निष्ठा से कांग्रेस पार्टी को सीचा और संवारा है, लेकिन उन्हे मात्र चुनाव के समय ही याद किया जाता है। उन्होंने कुछ पदाधिकारियों का नाम भी लिखा है, जिन्होंने सीनियर लीडरों को ठेस पहुंचाया है।