दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और खुफिया निदेशालय से इस बात पर विचार करने को कहा कि क्या पूर्व वायुसेना अधिकारी द्वारा लिखी गई किताब को एक निश्चित वर्गीकृत सामग्री में संशोधन के बाद प्रकाशित किया जा सकता है या उसमें से कुछ अंश हटा दिया। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने सेवानिवृत्त वायुसेना अधिकारी की पुस्तक प्रकाशित करने की अनुमति मांगने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता और संबंधित अधिकारियों के बीच एक महीने के भीतर बैठक हो और इस पर एक रिपोर्ट भी मांगी।
कोर्ट ने मामले की विस्तार से सुनवाई के बाद अगली सुनवाई के लिए 20 अक्टूबर की तारीख तय की।प्रतिवादी अधिकारियों के अनुसार, पुस्तक की सामग्री भारतीय वायुसेना के हितों के लिए हानिकारक है। इसलिए, आईएएफ के नियमों के अनुसार प्रकाशन की मंजूरी नहीं दी जा सकती। अदालत ने आदेश दिया, याचिकाकर्ता को भारतीय वायुसेना और खुफिया निदेशालय के अधिकारियों द्वारा सुना जाए