जयपुर: लोकसभा चुनाव के दौरान राजनैतिक दल हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास करती है ताकि सभी वर्गों को चुनाव में साधा जा सके। बीजेपी हर बार संत समाज को भी उचित प्रतिनिधित्व का मौका देती है। लोकसभा चुनाव में भाजपा राजस्थान की 15 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है जिनमें एक संत को प्रत्याशी बनाया है। सीकर से सुमेधानंद सरस्वती को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। संत समाज एक और संत को लोकसभा चुनाव में उतारने की मांग कर रहा है।
पिछले दिनों जयपुर के ओटीएस सभागार में संतों का एक सम्मेलन हुआ जिसमें कई संतों ने हिस्सा लिया। सीएम भजनलाल शर्मा को भी इस सम्मेलन में शामिल होना था लेकिन कोरोना होने की वजह से वे शामिल नहीं हो सके लेकिन संतो ने लोकसभा चुनाव टिकट देने की मांग जोरदार तरीके से उठाई है।
इन नामों के लिए चर्चा तेजराजस्थान में भाजपा को अभी 10 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित करना शेष है। दस सीटों में से एक सीट पर भाजपा किसी संत को मौका दे सकती है। राजनैतिक गलियारों में ऐसी चर्चाएं हैं कि बागेश्वर बालाजी धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री के शिष्य पंडित भागेंद्र व्यास शास्त्री को चुनाव मैदान में उतार सकती है। इसके अलावा हवामहल सीट से विधायक बाल मुकुंद आचार्य, प्रकाश दास जी महाराज, मंहत कैलाश शर्मा जैसे के नामों की भी चर्चा सियासी गलियारों में जमकर हो रही है।
कांग्रेस- बीजेपी दोनों की पार्टियों के बीच इसे लेकर मंथन जारी है।ऐसे हुई संत को लोकसभा प्रत्याशी बनाने की मांगउल्लेखनीय है कि 6 फरवरी को जब ओटीएस में संतों का सम्मेलन हुआ। तब पंडित भागेंद्र व्यास शास्त्री ने अपना संबोधन दिया था। इस सम्मेलन में राघवाचार्य जी महाराज, प्रकाश दास जी महाराज, डॉ. जनक राज स्वामी और अवधेशाचार्य जी महाराज सहित कई संत शामिल हुए थे।