: डेंगू मच्छरों से होने वाला एक गंभीर वायरस है, जो एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से बढ़ता है. साल 2019 के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में 5.02 मिलियन लोगों को डेंगू ने प्रभावित किया था और जैसे ही बारिश का सीजन आता है, डेंगू के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं.
इससे बचने के लिए आसपास गंदगी, पानी या मच्छरों को पनपने से रोकना चाहिए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर किसी को डेंगू हो जाता है, तो इसका ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है, चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कोई सॉलिड दवा ना होने के बाद भी डेंगू का इलाज किस तरह से होता है. किस तरह से किया जाता है डेंगू का इलाज
डेंगू वायरस के लिए कोई वैक्सीनेशन या प्रॉपर ट्रीटमेंट नहीं है, बल्कि संक्रमण के प्रति एंटीबॉडी का इस्तेमाल करके डेंगू वायरस के लक्षणों को कम किया जाता है. डेंगू वायरस के इलाज के लिए कोई खास दवा नहीं है, डॉक्टर आमतौर पर एसिटामिनोफेन के साथ दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, डेंगू के दौरान एस्पिरिन दवाओं से बचना चाहिए, क्योंकि यह इंटरनल ब्लीडिंग को बढ़ा सकता है. डेंगू के लक्षण आमतौर पर डेंगू के लक्षण आम वायरस की तरह ही होते हैं, जो मच्छरों के काटने से 4 से 6 दिन बाद शुरू होते हैं.
इसमें अचानक तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों में दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, थकान जी मिचलाना, उल्टी, शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना और नाक या मसूड़ों से खून बहाना भी शामिल होता है.ऐसे में इन लक्षणों के नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों को भगाने वाले स्प्रे का इस्तेमाल करें, बाहर जाते समय फुल बाजू की शर्ट या टीशर्ट पहने, शाम के समय घर के खिड़की दरवाजे बंद करें या जाली का इस्तेमाल करें.