नई दिल्ली$- आज के वक्त में डायबीटीज ऐसी गंभीर बीमारी बन गई है जो दुनियाभर में अपने पैर पसार रही है. ऐसे में शुगर के मरीजों को आहार व्यवस्था में बहुत बदलाव करने की जरूरत है. इस बीमारी से प्रभावित न होने के लिए, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आदतों से बचना बहुत जरूरी है, सही समय पर भोजन का सेवन शुगर जैसी खतरनाक बीमारी से बचाती है. सही समय पर भोजन करने से इस बीमारी से पीड़ित मरीजों में इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा मिलता है. ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है.
आयुर्वेद विशेषज्ञ दीक्षा भावसार का कहना है कि शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए लोग सांवा, कोदो, बाजरा और मक्का का आटा यूज कर सकते हैं. यह फूड आइटम्स डायबीटीज मरीजों के लिए रामबाण साबित हो सकता है.
शुगर मरीजों के लिए व्यायाम रामबाण
आयुर्वेद विशेषज्ञ दीक्षा भावसार आगे कहती हैं कि कुछ लोग अपना पूरा दिन घर और ऑफिस के काम में बिताते हैं. इस क्रम में वे व्यायाम को कोई प्राथमिकता नहीं देते हैं. जो हेल्थ के लिए सही नहीं है. ऐसी जीवनशैली के कारण मधुमेह की संभावना अधिक होती है. इसीलिए सलाह गी जाती है कि दिन के कम से कम 40 मिनट व्यायाम के लिए और 20 मिनट प्राणायाम के लिए रिजर्व होने चाहिए.
दीक्षा भावसार का कहना है कि व्यायाम के हिस्से के रूप में पैदल चलना, साइकिल चलाना, कार्डियो या योग जैसी चीजो को चुनने का सुझाव दिया जाता है. शरीर को इस तरह काम करवाने से रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर की हर कोशिका को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है. यह भी कहा जाता है कि व्यायाम करने से जितनी जरूरत होती है, उतना ही इंसुलिन बनता है.
इन्हें न खाएं
आयुर्वेद विशेषज्ञ दीक्षा कहती हैं कि चीनी, मैदा या ग्लूटेन के साथ नट्स को सीधे न लेना ही बेहतर है. इन पदार्थों से मधुमेह की गंभीरता बढ़ने की संभावना अधिक होती है. इसके बजाय, वह आहार में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध तत्वों को शामिल करने का सुझाव देती हैं. रागी और ज्वार जैसी दालों को शामिल करने से कई लाभ हो सकते है. नट्स को सीधे खाने के बजाय भिगोकर खाने से पूरा लाभ मिलता है.
रात का खाना कब खाएं
यह सर्वविदित है कि मधुमेह रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि के कारण होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि शर्करा के स्तर को कम करने के लिए, जितना जल्दी रात का खाना खत्म किया जाए उतना अच्छा है. सूर्यास्त से पहले रात का खाना खत्म करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है. अगर काम के घंटे इसका समर्थन नहीं करते हैं, तो रात को कम से कम आठ बजे तक भोजन खत्म करने का सुझाव दिया जाता है.
तुरंत नहीं सोए
कई लोग खाने के तुरंत बाद सोने की कोशिश करते हैं या गैजेट्स के साथ समय बिताते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदत स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है. विशेष रूप से मधुमेह वाले लोगों के लिए, खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर जाने से शर्करा का स्तर बढ़ सकता है. इसलिए, भोजन के तुरंत बाद सोने से बचने की सलाह दी जाती है. यदि यह संभव नहीं है, तो रात के खाने और सोने के बीच कम से कम तीन घंटे का अंतर सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है.
केवल इतना ही पर्याप्त नहीं है
कुछ लोग मधुमेह को हल्के में लेते हैं. हालांकि, इस समस्या के लिए सिर्फ़ दवा पर निर्भर रहना उचित नहीं है. विशेषज्ञों का कहना है कि दवाओं का अत्यधिक सेवन समय के साथ लीवर और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. दवा के साथ-साथ, ऊपर बताई गई सावधानियों का पालन करना न भूलें.