जब भी ब्लड में शुगर लेवल बढ़ता है तो पैंक्रियाज़ इंसुलिन बनाकर उसे कंट्रोल में करता है. जब भी खाना खाता है तो उसमें पाई जाने वाली पोषक तत्व हमारे शरीर में नैचुरल तरीके से इंसुलिन बनाता है. रिसर्च बताते हैं कि प्रोटीन और हेल्दी फैट से भरपूर डाइट खाने से डायबिटीज मरीज में इंसुलिन लेवल बढ़ाने में मदद करता है.
प्लांट बेस्ड प्रोटीन के सोर्सहम लोग जो प्रोटीन खाते हैं वह अमीनो एसिड में टूट जाते हैं. जो आपके शरीर के अंदर कई भूमिका निभाते हैं. कुछ अमीनो एसिड प्रोटीन आते हैं. कई रिसर्च के मुताबिक प्लांट बेस्ड प्रोटीन शरीर में नैचुरल इंसुलिन को बढ़ाने के लिए फायदेमंद होती है. प्लांट बेस्ड प्रोटीन के कई सोर्स होते हैं जैसे- सेम, मसूर, मटर, नट और टोफू शामिल हैं.
शरीर में नैचुरल तरीके से बढ़ाएं इंसुलिनएक्सरसाइज: साइकिल चलाना, पैदल चलना या तैराकी जैसी नियमित शारीरिक गतिविधि आपकी कोशिकाओं को ग्लूकोज का अधिक कुशलता से उपयोग करने में मदद कर सकती है.
डाइट: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, दुबले मुर्गे और मछली जैसे संपूर्ण खाद्य पदार्थों के साथ स्वस्थ आहार लें. परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट, अतिरिक्त शर्करा और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को सीमित करें.नींद: हर रात एक ही समय पर 8 घंटे की नींद का लक्ष्य रखें.
तनाव कम करें: ध्यान, गहरी सांस लेने या योग जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकें आज़माएं. स्वस्थ BMI बनाए रखें: वजन कम करने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार हो सकता है. कुछ पूरक जो मदद कर सकते हैं उनमें क्रोमियम, मैग्नीशियम, ओमेगा-3 और रेस्वेराट्रोल शामिल हैं.उपवास: कम से कम 16 घंटे का उपवास इंसुलिन के स्तर को कम करने और वसा को जलाने में मदद कर सकता है.
दालचीनी खाएं: दालचीनी रक्त शर्करा को अधिक कुशलता से प्रबंधित करने में मदद कर सकती है. क्रूसिफेरस सब्जियां खाएं: इन सब्जियों में इंडोल-3-कार्बिनोल (I3C) होता है, जो एस्ट्रोजेन को मेटाबोलाइज़ करने में मदद कर सकता है.करेला, भिंडी, दालचीनी, करक्यूमिन खाने से नैचुरल तरीके से शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ती है.