नासा ने धरती की तरफ आ रही एक आफत को लेकर चेतावनी जारी की है। दरअसल, अंतरिक्ष कई रहस्यों से भरा हुआ है। अंतरिक्ष में कई ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो धरती के लिए खतरा माना जाती हैं। एस्टेरॉयड को भी काफी लंबे समय से धरती के लिए खतरा माना जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, धरती से एस्टेरॉयड टकराता है, तो बड़ी तबाही मच सकती है। बताया जाता है कि एक बार धरती और एस्टेरॉयड की टक्कर हुई थी जिसके बाद पृथ्वी से डायनासोर का खात्मा हो गया था।
हालांकि कई बार वैज्ञानिकों की तरफ से धरती से एस्टेरॉयड के टक्कर होने की संभावना जताई गई, लेकिन कभी भी ऐसी घटना नहीं घटी। इन दिनों धरती के पास से लगातार एस्टेरॉयड गुजर रहे हैं। अब एक बार फिर खगोलशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि एक विशालकाय उल्का पिंड यानी एस्टेरॉयड धरती की तरफ बढ़ रहा है, जिसकी पृथ्वी की कक्षा से अगले हफ्ते टक्कर हो सकती है। आइए जानते हैं कि वैज्ञानिकों ने क्या चेतावनी दी है?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, इस विशालकाय एस्टेरॉयड का आकार शंघाई टावर के बराबर है। शंघाई टावर दुनिया की सबसे बड़ी इमारत है। यह एस्टेरॉयड अगले हफ्ते चार अगस्त को धरती की कक्षा से टकराकर गुजरेगा।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इस एस्टेरॉयड का नाम QL433 रखा गया है, जो धरती की तरफ से तेजी से बढ़ रहा है। यह धरती से तीन साल में एक धरती से गुजरता है। इससे पहले साल 2020 में जुलाई में भी धरती के पास से गुजरा था। QL433 नाम के उल्कापिंड की रफ्तार करीब 47,232 किलोमीटर प्रति घंटा है।
धरती के लिए कितना खतरा?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस एस्टेरॉयड को संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह की श्रेणी में रखा गया है। इसका मतलब यह है कि ऐसा एस्टेरॉयड जो धरती के करीब आ सकता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि विशालकाय एस्टेरॉयड की धरती से टक्कर होगी। नासा इस एस्टेरॉयड पर नजर रखे हुए हैं।
जानिए क्या होता है एस्टेरॉयड
उल्कापिंड या क्षुद्रग्रह को एस्टेरॉयड कहा जाता है। किसी ग्रह के बनते समय उससे छोटे-छोटे चट्टान के टुकड़े निकलकर बाहर आ जाते हैं और सूर्य की परिक्रमा करने लगते हैं। कभी कभी ऐसा होता है कि यह अपनी कक्षा से बाहर निकल जाते हैं। आमतौर पर ग्रहों की कक्षा में एस्टेरॉयड जल जाते हैं, लेकिन बड़े एस्टेरॉयड कभी-कभी ग्रहों से टकरा जाते हैं। पृथ्वी से भी एस्टेरॉयड की टक्कर हो चुकी है।