दौसा। दौसा पत्नी और पिता की मौत के बाद डिप्रेशन से जूझ रहे एक युवक ने गुरुवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामला दौसा जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र के रेटा गांव की भद्रेज्या ढाणी का है. आत्महत्या की सूचना पर पहुंची दुब्बी चौकी पुलिस ने मौका मुआयना किया और शव को कब्जे में लेकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। शुक्रवार सुबह पंचनामा कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने पुलिस को बताया कि सत्यनारायण बैरवा की पत्नी सुनीता देवी की 3 साल पहले मौत हो गई थी. इससे वह परेशान रहने लगा था. वहीं, 3 महीने पहले उसके पिता नॉर्टीलाल की भी मौत हो गई, इसलिए वह ज्यादा तनाव में रहने लगा और डिप्रेशन का शिकार हो गया.
गुढ़ा जयपुर से दवा लेकर लौटा था गुरुवार को सत्यनारायण अपने भाई भजनलाल के साथ जयपुर से दवा लेकर घर लौटा। जहां रात में उसने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जब वह काफी देर तक बाहर नहीं आया तो परिजन कमरे में गए तो उसे फंदे पर लटका पाया। इसकी सूचना पुलिस को दी गयी. उसके भाई भजनलाल ने बताया कि मृतक के 2 बेटे और 2 बेटियां हैं. वह 5 भाइयों में सबसे छोटे थे। पहले पत्नी और फिर पिता की मौत से उन्हें सदमा लगा। इसके कारण उनका मानसिक संतुलन पूरी तरह से बिगड़ गया था और उनका मनोरोग उपचार चल रहा था।
लालसोट उपखंड के नगरिया वास गांव में हनुमान जी के मंदिर पर राम कथा के दौरान प्रसिद्ध कथावाचक सनकादिक महाराज ने कहा कि आदर्श समाज की स्थापना रामायण के माध्यम से ही की जा सकती है। भगवान राम सीता के विवाह को लेकर महिलाओं ने लोक भाषा में मंगल गीत गाये और बधाई दी. कार्यक्रम में पहुंचे संत मदन मोहन दास महाराज ने फूल मालाओं से सनकादिक महाराज का अभिनंदन किया. कार्यक्रम के दौरान संत सनकादिक महाराज ने संत मदन मोहन दास महाराज का माला पहनाकर और दुपट्टा उठाकर स्वागत किया.
दुर्घटना-संभावित स्थलों से लोगों को स्थानांतरित करेगा इस अवसर पर संत मदन मोहन दास महाराज का आशीर्वाद लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उन्होंने कहा कि राम का नाम ही जीवन का आधार है. राम नाम मंत्र का जाप करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीव का कल्याण होता है। बालाजी महाराज की झांकी सजाई गई। लोगों ने दर्शन कर मन्नतें मांगी। कार्यक्रम के दौरान राम विलास खेमावास, नरसिंह लाल गुप्ता, पूर्व बैंक मैनेजर ब्रजमोहन मीना, रामजीलाल गांधी, श्याम सोनी, पूर्व प्रधान केदार मीना, सरपंच कानजी मीना, पूर्व उपसभापति पुरूषोत्तम जोशी, एडवोकेट सुरेश शर्मा, मुकेश घी वाले, रमेश शर्मा, शिक्षाविद् हरिनारायण शर्मा, रामगोपाल घीया सहित कई लोग मौजूद थे।