नई दिल्ली:- वास्तु शास्त्र में हर एक दिशाओं का विशेष महत्व होता है. वास्तु के अनुसार हर एक दिशा से सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा निकलती है जिसका असर घर में रहने वाले सदस्यों पर पड़ता है. वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि घर की किस दिशा में कौन सी चीजें रखनी और बनवानी चाहिए और किस दिशा में नहीं.
वास्तु के अनुसार घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में कुछ खास चीजें बनवाने का बुरा प्रभाव पड़ता है. वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पश्चिम को राहु- केतु की दिशा माना जाता है. यही वजह है कि इस दिशा में कुछ चीजों को रखने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में.
दक्षिण-पश्चिम दिशा में न करवाएं ये काम
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर दक्षिण-पश्चिम दिशा मे मंदिर या पूजा घर बिल्कुल नहीं बनाना चाहिए. माना जाता है कि इस दिशा में स्थापित देवी-देवता से पूजा का फल नहीं मिलता है. इस दिशा में मन एकाग्र नहीं रहता है जिसकी वजह से पूजा पाठ करने में कठिनाई आती है.
मुख्य द्वार को हमेशा उत्तर, पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए. दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार रखने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश कर सकती है.
घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में भूमिगत पानी की टंकी नहीं रखनी चाहिए. माना जाता है कि इससे घर में वास्तु दोष बढ़ सकता है. इस दिशा में सकारात्मक ऊर्जा संतुलित रहे इसके लिए इस दिशा में ऊपर की ओर टंकी बनवाएं.
वास्तु के अनुसार घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में कभी भी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा आती है जिसकी वजह से घर में रहने वाले लोगों की तरक्की पर बुरा प्रभाव पड़ता है और लोग हमेशा बीमार रहते हैं.
बच्चों का स्टडी रूप कभी भी दक्षिण- पश्चिम दिशा में नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में मन एकाग्र नहीं रहता है और पढ़ाई करते समय कुछ भी याद नहीं रहता है. इसलिए पढ़ाई-लिखाई का काम इस दिशा में नहीं करना चाहिए.
मेहमानों का कमरा भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं बनवाना चाहिए. वास्तु के अनुसार, राहु और केतु की दिशा होने के कारण इस दिशा में रहने वाले व्यक्ति के मन, व्यवहार में अचानक से बदलाव आने लगता है. वह व्यक्ति हर किसी से खराब व्यवहार करने लगता है. इसलिए इस दिशा में गेस्ट रूम बनवाने से बचना चाहिए.