: काम का प्रेशर, बिगड़ी लाइफस्टाइल की वजह से तनाव बढ़ गया है. जिसकी वजह से कई तरह की फिजिकल और मेंटल हेल्थ इश्यू होते हैं. ऐसे में वॉक करना फायदेमंद हो सकता है. एक्सपर्ट्स वॉकिंग को ब्रेन बूस्टर मानते हैं. इससे दिमाग बड़ा होता है और याददाश्त बेहतर होती है. यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया की एक रिसर्च कहती है कि टहलने से बुजुर्गों में डिमेंशिया और अल्जाइमर के रिस्क भी कम होता है.
कई अध्ययनों से पता चला है कि करीब 10 मिनट तक तेज चलना भी नकारात्मक विचारों को भगाने का काम करता है. कुछ एक्सपर्ट्स ये भी मानते हैं कि रोजाना 10 हजार कदम चलने से दिल, दिमाग और शरीर दुरुस्त रहते हैं. टहलने से दिमाग को जबरदस्त फायदाजर्नल ऑफ अल्जाइमर्स डिजीज में पब्लिश स्टडी के अनुसार, रोजाना कुछ कदम चलकर या थोड़ी सी एक्सरसाइज करने से दिमाग की साइज बढ़ सकता है. इसका मतलब दिमाग हेल्दी रहता है. उसके सभी न्यूरोट्रांसमिटर्स सही तरह काम करते हैं. मतलब डिमेंशिया या अल्जाइमइर का खतरा नहीं रहता है.
टहलने से एंग्जाइटी कम होता हैएक्सपर्ट्स का कहना है कि हर दिन मॉडरेट एक्सरसाइज करने से ब्रेन पर सकारात्मक असर (Walking Benefits for Anxious) होता है. रोजाना 20 से 30 मिनट टहलने से तनाव, डिप्रेशन और एंग्जायटी का लेवल कम होता है. इस दौरान शरीर में एंडोर्फिन हॉर्मोन का लेवल बढ़ जाता है, जिससे तनाव छूमंतर होता है और आप अच्छा महसूस करते हैं.मूड अच्छा होता हैएक्सपर्ट्स का कहना है कि, दिन में कुछ मिनट चलने से ही मूड अच्छा बन सकता है. इससे एंग्जाइटी कम हो सकती है.
वॉकिंग का असर तब काफी ज्यादा हो जाता है, जब आप प्रकृति में टहलें. चलने से मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती है और इनका स्ट्रेस कम होता है. टहलने से नींद बेहतर होती है और शरीर सेहतमंद रहता है.क्या टहलना कसरत का विकल्प है?टहलना एक तरह की कसरत है और यह बहुत प्रभावी भी है.