नई दिल्ली : दूसरों को जज करना यानी किसी को जाने बिना उसके बारे में अपने मन से विचारधारा बनाना, इंसान का एक कॉमन स्वाभाव होता है. अगर आप किसी व्यक्ति के स्वभाव, कार्य और पहनावे के आधार पर उसे जज करते हैं तो ये बहुत गलत है. ऐसा करने से जज करने वाला और जिसे जज किया जा रहा है, दोनों की ही मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है.
दूसरों को जज करने की आदत बिगाड़ देगी आपकी मेंटल हेल्थ
कई बार लोग अपनी लाइफ में इतने परेशान होते हैं कि उसका गुस्सा वो दूसरों पर निकालते हैं. लिहाजा ऐसे लोग बिना सोचे समझे दूसरों को जज करने लगते हैं, लेकिन वो ये नहीं जानते कि उनकी ये आदत दूसरों की और खुद की मेंटल हेल्थ के लिए कितनी नुकसानदायक है.
दूसरों को जज करने से आपके अंदर नकारात्मकता बढ़ेगी, जिससे आगे चलकर आप डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार हो सकते हैं. ऐसा इंसान नेगेटिविटी के बढ़ने से रिश्तों को भी ठीक से नहीं निभा पाता और हमेशा दूसरों में कमियां ही निकालता रहता है.
वहीं, जिस व्यक्ति को जज किया जा रहा है, उसकी मानसिकता पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है. ऐसा इंसान डरा और सहमा हुआ रहने लगता है. उसे लगता है कि उसके अंदर बहुत कमियां हैं और कोई उसे प्यार नहीं करता. जिन लोगों को जज किया जाता है वो अपनी भावनाएं भी किसी से शेयर नहीं कर पाते. लिहाजा ऐसे लोग समाज से दूरी बना लेते हैं और अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं. आगे चलकर इस तरह के लोगों में एंग्जाइटी और डिप्रेशन की समस्या बढ़ जाती है.
हर इंसान अपने आप में यूनिक होता है इसलिए उसे जज करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. किसी को ठीक से जाने बिना उसके बारे में विचारधारा बनाना काफी गलत है. ऐसा करने से आपके जीवन में नकारात्मकता बढ़ेगी और आगे चलकर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होने लगेंगी.