
कोरबा/सुदूर वनांचलग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा की जड़ें अत्यंत गहरी हैं परिणाम स्वरूप बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहा है. अड़े आती माता-पिता की अशिक्षा और रूढ़िवादी परंपराओं के कारण अक्सर नाबालिगों का विवाह करा दिया जाता है. दर्सल बाल विवाह की रोकथाम के लिए कई संस्थाओं और प्रशासन द्वारा लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है इसके बावजूद हर साल बाल विवाह के मामले लगातार सामने आते रहते हैं।

ऐसा ही एक मामला कोरबा के अनुभाग पोड़ी उपरोडा के ग्राम पंचायत सलिहाभाठा से सामने आया है. जहां एक ही ग्राम सलिहाभाठा में रहने वाले वर एवं वधु पक्ष आपसी रजामंदी से बाल विवाह संपन्न कराना चाह रहे थे। विवाह कार्यक्रम के अनुसार दिनांक 12 अप्रैल 2023 को नाबालिग बालिका के घर बारात पहुंचने ही वाली थी जिसकी गुप्त सूचना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्राप्त हुई, जिसमें डी.एल.कटकवार,अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला न्यायाधीश जिला न्यायालय कोरबा के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में शीतल निकुंज,सचिव,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा उक्त बाल विवाह को रोकने हेतु तुरंत कार्यवाही करते हुए सीमा ठाकुर,महिला बाल विकास पर्यवेक्षण अधिकारी, गणेश जायसवाल चाईल्ड लाईन कार्यालय कोरबा,निर्मला तंवर,महिला आरक्षक थाना बांगों एवं ग्राम पंचायत सलिहाभाठा के सरपंच सोबरन सिंह एवं पैरालीगल वाॅलिंटियर रविशंकर सागर,विजय लक्ष्मी,तलवीर सिंह एवं आरती मंगेशकर की टीम गठित कर ग्राम में जाकर तुरंत बाल विवाह को संपन्न होने से रोका गया। मौके पर पहुंची टीम ने बालिका के माता, पिता से बालिका के उम्र के संबंध में साक्ष्य मांगा मिले साक्ष्य के आधार पर बालिका नाबालिग पाई गई। टीम ने बालिका के माता,पिता व अन्य उपस्थित लोगों को बाल विवाह एक कानूनन अपराध है,बालिका के 18 वर्ष एवं बालक के 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ही विवाह कराया जाना विधि सम्मत है।
बाल विवाह किए जाने पर दो वर्ष का कारावास एवं एक लाख रूपए तक का जुर्माने की सजा का प्रावधान है की जानकारी दी। साथ ही बाल विवाह से होने वाले हानियों के बारे में बताया। बालिका के माता-पिता के परामर्श के बाद भी बालिका की एक, दोबाद शादी किए जाने की आशंका प्रतीत हो रही थी, जिसके गठित टीम ने वर एवं वधु पक्ष से वर एवं वधु के बालिग होने पर ही विवाह किए जाने का शपथपत्र ले कर बाल विवाह को रोक कर नाबालिग बालक बालिका के भविष्य को अंधकार में जाने से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा ने अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान किया।