नई दिल्ली:- 13 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के चुनाव प्रबंधन निकायों (EMB) के दिल्ली घोषणापत्र में शुक्रवार को चुनाव प्रक्रिया को और अधिक कुशल और प्रभावी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी एकीकरण और नवाचार को अपनाने की शपथ ली गई.
वैश्विक चुनाव वर्ष 2024: लोकतांत्रिक स्थानों की पुनरावृत्ति” विषय पर सम्मेलन का आयोजन ईसीआई द्वारा किया गया था जिसमें कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया. इस दौरान प्रमुख रूप से समापन के बाद अपनाए गए प्रस्ताव में कहा गया कि हम चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने और हमारे संबंधित कानूनों के तहत निर्धारित चुनावों के संचालन के लिए बनाए जा सकने वाले सभी फर्जी आख्यानों का सख्ती से विरोध करेंगे और इन आख्यानों को किसी भी तरह से हमारे कर्तव्यों पर हावी नहीं होने देंगे. यह सम्मेलन भारत के चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किया गया था, जो भारत और अन्य देशों में 2024 में चुनाव आयोजित करने में ईएमबी के विभिन्न अनुभवों पर आधारित था.
सम्मेलन में भूटान, जॉर्जिया, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, आयरलैंड, मॉरीशस, फिलीपींस, रूसी संघ, ट्यूनीशिया और नेपाल सहित 13 देशों के ईएमबी के लगभग 30 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. दो दिवसीय सम्मेलन में सोशल मीडिया, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और साइबर सुरक्षा के मुद्दों से निपटने के लिए दुनिया भर के सभी इच्छुक ईएमबी का एक कार्य समूह गठित करने का भी संकल्प लिया गया. कार्य समूह नियमित आधार पर, वर्चुअल रूप से या भौतिक रूप से बैठक करेगा, ताकि उभरती चुनौतियों का जायजा लिया जा सके और आवश्यकतानुसार बड़ी प्रौद्योगिकी संस्थाओं और अन्य हितधारकों के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक रूप से चर्चा की जा सके.
प्रस्ताव में कहा गया है कि हम पारदर्शी, विश्वसनीय और समावेशी चुनावों तथा चुनावी शुचिता के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहेंगे और चुनावों का संचालन सबसे गैर-पक्षपातपूर्ण, निष्पक्ष और सत्यपूर्ण तरीके से तथा पूरी शुद्धता के साथ सुनिश्चित करेंगे. प्रतिभागियों ने यह भी दोहराया कि वे कभी भी किसी अनुचित दबाव या प्रभाव के आगे नहीं झुकेंगे, जो संवैधानिक और वैधानिक कर्तव्यों और देश के कानून को पटरी से उतार सकता हो. प्रस्ताव में कहा गया है, “हम निर्वाचक सूची की अखंडता और शुद्धता की दृढ़तापूर्वक रक्षा करेंगे, साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी पात्र नागरिक मताधिकार से वंचित न रहे.
प्रतिभागियों ने चुनाव में मतदाता और उनके अधिकारों की केन्द्रीयता पर ध्यान केंद्रित रखने तथा चुनावी प्रक्रिया में उनकी सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास करने का संकल्प लिया. प्रस्ताव में कहा गया है, “हम मतदाताओं के पंजीकरण और मतदान में वृद्धि के लिए मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी के लिए सक्रिय हस्तक्षेप करेंगे. हम चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित लड़ाई में शामिल होंगे. साथ ही कहा गया कि चुनाव के बाद की शिकायतों से निपटने के लिए मजबूत न्यायिक तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए.