नई दिल्ली:- यदि आप किसी संगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं, तो आपके लिए यह खबर महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि भविष्य निधि संगठन जल्दी ही एक फैसला ले सकता है, जिसमें संगठन के प्रत्येक सदस्य को मिनिमम 3000 रुपए की पेंशन प्राप्त करने का अधिकार हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसे कर्मचारियों के डेटा का निर्माण करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, जिन्हें 3000 रुपए से कम पेंशन की उम्मीद है। इस फैसले के अगर प्राप्त होने पर करोड़ों कर्मचारियों को इससे लाभ हो सकता है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि ईपीएफओ कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदाव पर पेंशन प्रदान करता है।
दायरे में आएंगे ये कर्मचारी
नई यूनिवर्सल पेंशन के मार्गदर्शिका के अनुसार, नई पेंशन नीति में सेवानिवृत्ति पेंशन, विधवा पेंशन, बच्चों की पेंशन, और विकलांगता पेंशन को भी शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। साथ ही, पेंशन की अवधि को बढ़ाने की भी चर्चा हो रही है, जिससे रिटायरमेंट के बाद लाभार्थियों को 10 साल की बजाय 15 साल तक पेंशन प्राप्त हो सकती है। इस नई नीति के अनुसार, मिनिमम पेंशन को 3000 रुपए पर महीने बढ़ाने का भी संबंध बना हुआ है, हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है।
5.4 लाख रुपए का संचय जरूरी
वर्तमान में, ईपीएस संगठित, असंगठित-स्व-नियोजित कार्यबल के भीतर श्रमिकों के वर्गों को कवर नहीं करता है. लेकिन यूपीएस सभी को कवर करने पर विचार चल रहा है. वहीं केंद्रीय न्यास बोर्ड द्वारा गठित कमेटी के मुताबिक, यदि आप भी प्रतिमाह तीन हजार की पेंशन पाना चाहते हैं तो लगभग 5.4 लाख रुपये का न्यूनतम संचय करना जरूरी है. इसके ऊपर आपका जितना धन होगा आपकी पेंशन उतनी ही ज्यादा आएगी. बताया जा रहा है कि 26 जनवरी तक यानि बजट से पहले ईपीएफओ मिनिमम 3000 रुपए की पेंशन की घोषणा कर सकता है.