कोरबा/चैतमा-पाली :- वन विभाग में भ्रष्ट्राचार थमने का नाम ही नही ले रहा है। और अधिकारी जनता के पैसे का लूट मचाने में कोई कसर नही छोड़ रहे है। वनविभाग के नारंगी में पदस्थ वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इस बार मुनारा निर्माण के नाम पर लाखों का वारा- न्यारा एवं बंदरबांट किया है। जहां करीब एक हजार मुनारा का नवनिर्माण कटघोरा वनमंडल के चैतमा एवं पाली रेंज में कराया जाना तो बताया गया है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। पुष्ट सूत्रों के अनुसार अधिकांश मुनारा का गुणवत्ताहीन निर्माण के कारण वे कुछ दिनों में ही टूटफूट कर आस्तित्व विहीन हो रहे है। जबकि अधिकांश मुनारों का निर्माण कराया ही नही गया और पुराने मुनारों को रंग- रोगन कर नवनिर्माण का रूप दे दिया गया है।
बता दें कि कोरबा जिले में दो वनमंडल कोरबा एवं कटघोरा के अंतर्गत जंगलों में मुनारा निर्माण का काम नारंगी वनपरिक्षेत्र में पदस्थ रेंजर एवं कर्मचारियों द्वारा कराया जाता है। बीते माह में नारंगी रेंजर के देखरेख में चैतमा एवं पाली वन परिक्षेत्र के जंगलों में करीब एक हजार मुनारा का निर्माण कराना था, लेकिन अधिकांश मुनारा का नवनिर्माण कागजों में कराकर लाखों का वारा- न्यारा एवं बंदरबांट किया गया। बताया गया कि जिन क्षेत्रों में मुनारा निर्माण कराया गया है, गुणवत्ताहीन होने एवं कुछ ही दिनों में टूटफूट कर धसक जाने के कारण उन क्षेत्र के बीट गार्डों ने आपत्ति जताई है और सत्यापन में हस्ताक्षर नही किये है।
नारंगी वन परिक्षेत्र के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इस तरह किया भ्रष्ट्राचार
कटघोरा वनमंडल के चैतमा एवं पाली रेंज के नारंगी क्षेत्रों में एक ही मिस्त्री से करीब एक हजार मुनारा महज कुछ ही दिनों में बनवा लेना कई संदेहों को जन्म दे रहा है। मुनारा के अंदर कुछ लाल ईंट और मिट्टी डालकर बाहर से सीमेंट का हल्का पलीता लगाया गया है, जो कुछ दिनों में ही टूटफूट कर धसक गया है। तथा अधिकतर पुराने मुनारों को चूना से पुताई कराकर नवनिर्माण का रूप दिया गया है।
बताया जा रहा है कि माँगामार नारंगी क्षेत्र में ही नवनिर्माण कराया गया है, जबकि अन्य क्षेत्रों में पुराने मुनारों को ही नया रूप दे दिया गया है। जब मुनारा निर्माण की सच्चाई जानने पाली वनपरिक्षेत्र के भादा, नुनेरा, नगोई, जेमरा, लाफा, रंगोले, भोड़ कछार आदि नारंगी क्षेत्रों में जाकर जायजा लिया गया तो अधिकांश मुनारा पुराने दिखे, जिसे चार कोट चूना लगाकर नवनिर्माण का रूप प्रदान किया गया है। यदि इस दिशा पर सही जांच होती है तो लाखों रूपए का बंदरबांट एवं भ्रष्ट्राचार सामने आएगा।
पक्ष जानने नारंगी रेंजर से नही हो पाया संपर्क
अभी हाल में नारंगी रेंज का प्रभार संजय लकड़ा की मिला है। इसके पूर्व तत्कालीन रेंजर श्री मरावी से उनका पक्ष जानने मोबाइल पर संपर्क किया गया, लेकिन उनका मोबाइल स्वीच ऑफ मिला जिसके कारण उनकी प्रतिक्रिया नही मिल पाया।
रिपोर्टर पाली – अभिषेक तिवारी