वाशिंगटन:- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी उद्यमी और लेखक श्रीराम कृष्णन को एआई के लिए व्हाइट हाउस के वरिष्ठ नीति सलाहकार के रूप में नियुक्त किए जाने की घोषणा की. ट्रंप ने कृष्णन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वरिष्ठ व्हाइट हाउस नीति सलाहकार के रूप में चुना है.
ट्रंप ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘श्रीराम कृष्णन व्हाइट हाउस के विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति कार्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए वरिष्ठ नीति सलाहकार के रूप में काम करेंगे. इस बयान में उन्होंने अन्य नियुक्तियों की भी घोषणा की. उन्होंने आगे कहा कि मुझे उस शानदार टीम की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है जो हमारे व्हाइट हाउस एआई और क्रिप्टो जार, डेविड ओ. सैक्स के साथ मिलकर काम करेगी.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि श्रीराम कृष्णन एआई में निरंतर अमेरिकी नेतृत्व सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे और सरकार में एआई नीति को आकार देने और समन्वय करने में मदद करेंगे. हम मिलकर वैज्ञानिक सफलताओं को प्राप्त करेंगे. अमेरिका के तकनीकी प्रभुत्व को सुनिश्चित करेंगे. साथ ही अमेरिकी नवाचार के स्वर्ण युग की शुरुआत करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि माइकल जे.के. क्रैट्सियोस व्हाइट हाउस ऑफिस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी के नए निदेशक होंगे. वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए राष्ट्रपति के सहायक होंगे.
कृष्णन ने अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया दी
कृष्णन ने अपनी नियुक्ति पर खुशी जताई है. उन्होंने एक्स पर कहा, मैं अपने देश की सेवा करने और डेविड सैक्स के साथ मिलकर काम करते हुए एआई में निरंतर अमेरिकी नेतृत्व सुनिश्चित करने में सक्षम होने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं.
श्रीराम कृष्णन कौन हैं
श्रीराम ने माइक्रोसॉफ्ट में अपना करियर विंडोज एज्योर के संस्थापक सदस्य के रूप में शुरू किया. कृष्णन टेक इंडस्ट्री के दिग्गज हैं. उनका माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर, फेसबुक, स्नैप और याहू जैसे टॉप टेक फर्मों में लंबा करियर रहा है. वह डेविड ओ. सैक्स के साथ मिलकर काम करेंगे. उन्हें ट्रंप ने व्हाइट हाउस एआई और क्रिप्टो जार का नाम दिया है.
कृष्णन के एलन मस्क के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. वर्ष 2022 में एलन मस्क ने जब एक्स का अधिग्रहण किया और इसे नया रूप देने के लिए समझौता किया था तो कृष्णन ने उनका साथ दिया था. भारतीय-अमेरिकी को फरवरी 2021 में आंद्रेसेन होरोविट्ज में जनरल पार्टनर नियुक्त किया गया था.
पिछले साल उन्हें कंपनी के लंदन कार्यालय का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था, जो अमेरिका के बाहर कंपनी का पहला कार्यालय था. कृष्णन ने नवंबर के अंत में कंपनी छोड़ दी.
इससे पहले कृष्णन ने प्रमुख इंटरनेट प्लेटफार्मों और ओपनएआई के चैटजीपीटी जैसे एआई-संचालित मॉडल के बीच संघर्ष को हल करने के लिए अधिक नवीन और प्रौद्योगिकी-केंद्रित रणनीति की वकालत की थी.