नई दिल्ली:– हॉरर कॉमेडी फिल्म स्त्री 2 बॉक्स आफिस पर धूम मचा रही है। यह अब तक 300 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुकी है। इस वर्ष हॉरर थ्रिलर शैतान और हॉरर कॉमेडी फिल्म मुंज्या ने भी अच्छी कमाई की थी। आगामी दिनों में भूल भुलैया 3 भी कतार में है। आइए पारलौकिक विषयों को स्पर्श करती फिल्मों के प्रति आकर्षण व उनके निर्माण की चुनौतियों की पूरी पड़ताल विस्ताक से करते हैं।
स्त्री 2 के आगे सब फेल
ओ स्त्री कल आना, करीब छह वर्ष पहले आई फिल्म स्त्री में हर घर के बाहर दीवारों पर लिखी उपरोक्त पंक्ति दर्शकों के मन-मस्तिष्क में बैठ गई थी। अब सिनेमाघरों में धूम मचा रही स्त्री 2 को लेकर चंदेरी शहर में माहौल वही है, लेकिन सरकटे का आतंक है। इस बार स्त्री से डर नहीं रक्षा की गुहार है। स्त्री 2 के निर्माता अब इसकी तीसरी किस्त लाने की बात कह रहे हैं।
हॉरर कॉमेडी स्त्री 2 का आकर्षण जान अब्राहम की एक्शन फिल्म वेदा पर भारी पड़ा। इसी वर्ष आई फिल्म मुंज्या में अधूरे प्रेम को पाने के लिए भटकती प्रेतात्मा की कहानी थी। यह फिल्म महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में प्रचलित प्रेतात्मा मुंज्या से जुड़ी कहानियों पर आधारित थी, पर उसका आकर्षण ऐसा रहा कि सीमित बजट में बनी फिल्म सौ करोड़ क्लब में शामिल हुई।
कहानी है अहम
डर और रोमांच में पगी इन कहानियों के प्रति बढ़ते आकर्षण को लेकर मुंजया व स्त्री 2 के लेखक निरेन भट्ट कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि हॉरर कॉमेडी है इसलिए लोगों को पसंद आ रही है। अतीत में इसी जॉनर की बहुत सारी ऐसी फिल्में रही हैं, जो सफल नहीं हो सकीं। दर्शकों को कहानी पसंद आ रही है, जिसमें ढेर सारे मनोरंजन के साथ लव स्टोरी और अच्छा संदेश भी है। चूंकि निर्माता दिनेश विजन हॉरर कॉमेडी फिल्मों का यूनिवर्स बना रहे हैं तो इन फिल्मों के पात्रों को एक-दूसरे की कहानी से जोड़ना भी इसे रोचक बना रहा है। स्त्री 2 में अक्षय कुमार और वरुण धवन के कैमियो को दर्शकों ने काफी पसंद किया।
हर दौर में लोकप्रिय
हिंदी सिनेमा में विशुद्ध हॉरर फिल्में कम बनती हैं, लेकिन हॉरर के साथ कॉमेडी या पारलौकिक तत्वों को मिलाकर फिल्में बनाने में बीते कुछ वर्षों में फिल्मकारों की रुचि बढ़ी है। हॉरर फिल्मों के बाक्स आफिस पर प्रदर्शन को लेकर ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श कहते हैं कि यह जॉनर सिनेप्रेमियों के बीच हमेशा लोकप्रिय रहा है।
पिछली सदी के सातवें दशक में रामसे ब्रदर्स खूब हॉरर फिल्में बनाते थे और वे सफल हुआ करती थीं। इस वर्ष आई शैतान, मुंज्या और स्त्री 2 भी सफल रहीं। हालांकि बीते कुछ वर्षों में हमारे यहां विशुद्ध हॉरर फिल्में कम बन पा रही हैं।
अन्य जॉनर का मेल
दरअसल हॉरर जॉनर में साउंड इफेक्ट और वीएफएक्स से पर्दे पर भय का माहौल रचा जाता है, जिसका मजा सिनेमाघरों में ही आता है। विशुद्ध हॉरर फिल्मों के दर्शक सीमित होते हैं, इसलिए फिल्मकार जोखिम लेने से बचते हैं। हॉरर जॉनर के दर्शक वर्ग में विस्तार तब हुआ जब इसमें कॉमेडी और दूसरे जॉनर जुड़े। वर्ष 2008 में फिल्म भूल भुलैया से हॉरर कॉमेडी जॉनर की शुरुआत हुई। फिल्म को बड़ा दर्शक वर्ग मिला।
इसके बाद इस जॉनर में स्त्री, गोलमाल अगेन, भूत पुलिस, फोन भूत, भूल भुलैया 2 जैसी कई फिल्में बनीं। स्त्री के निर्माता दिनेश विजन कहते हैं कि ईमानदारी से अपना पक्ष रखूं तो मैं स्वयं हॉरर नहीं देख सकता हूं। मैंने उसमें कॉमेडी इसलिए डाली है ताकि स्वयं फिल्म देख सकूं। मेरे जैसे बहुत से लोग हैं, जो विशुद्ध हॉरर फिल्म नहीं देख सकते हैं। इसलिए हमने हॉरर कॉमेडी फिल्म बनाई। ऐसी फिल्में बनाते समय उसमें हॉरर और कॉमेडी के बीच संतुलन रखना रस्सी पर चलने जैसा है। दोनों में से कुछ भी अधिक हुआ तो संतुलन बिगड़ जाएगा और गिर जाएंगे।
बहरहाल स्त्री 2 की सफलता से इस जॉनर में आगे बढ़ रहे फिल्मकारों में उत्साह है। दीवाली के अवसर पर प्रदर्शित होने जा रही भूल भुलैया 3 के लिए भी इसे अच्छा संकेत माना जा रहा है। फिल्म में कार्तिक आर्यन के साथ मंजुलिका यानी विद्या बालन भी नजर आएंगी, तो एंटरटेनमेंट का तड़का पक्का है।
हॉरर से अलग है हॉरर कॉमेडी
भले ही इन दिनों हॉरर कॉमेडी फिल्मों की लोकप्रियता खूब हो, लेकिन राज और 1920 जैसी हॉरर फिल्में बनाने वाले फिल्मकार विक्रम भट्ट हॉरर कॉमेडी को हॉरर फिल्में नहीं मानते हैं। वह कहते हैं कि हॉरर का काम तो डराना होता है। हॉरर कॉमेडी को मैं मुख्यत: कॉमेडी मानता हूं। विशुद्ध हॉरर और हॉरर कॉमेडी फिल्मों के बीच तुलना नहीं करनी चाहिए। विशुद्ध हॉरर के प्रशंसक बड़े वफादार होते हैं। वे हॉरर फिल्में देखते ही देखते हैं।
हॉरर की नई कहानियां
हॉरर कॉमेडी के जॉनर को आगे बढ़ाने के लिए आने समय में कई मोस्ट अवेटेड मूवीज रिलीज की जाएंगी। जिनके नाम इस प्रकार हैं। भूल भुलैया 3 द वर्जिन ट्री छोरी 2 वैंपायर्स आफ विजयनगर भेड़िया 2