प्रदेश में चुनाव के दौरान हवाई पट्टियों और हेलिपैड पर उतरने वाले हर यात्री और उसके सामान की जांच अगले दो माह तक सख्ती से की जाएगी। चुनाव आयोग ने सभी कलेक्टरों को इसका सख्ती से पालन करने और रिपोर्ट देने के लिए कहा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा है मध्यप्रदेश में 22 जिलों में मौजूद हेलिपैड और हवाई पट्टियों में जांच की जाएगी। इसके लिए पुलिस और अन्य संबधित विभागों के अधिकारियों से कहा गया है कि वे हेलिकाप्टर और विमान केे आते और जाते दोनों ही समय जांच करेंगे।
चुनाव आयोग के निर्देशों के आधार पर प्रदेश के विमानन विभाग द्वारा भी कलेक्टरों को परिपत्र जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि कलेक्टर अपने नियंत्रण क्षेत्र में आने वाले गैर वाणिज्यिक हवाई पट्टी और हेलीपैड जिनका संचालन एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा नहीं किया जाता है उसमें खासतौर पर यह जांच कराएंगे। यहां जांच के दौरान अनधिकृत वस्तुओं और संदेहजनक मुद्रा, सोना या चांदी के परिवहन की निगरानी करेंगे। इनका प्रयोग चुनाव प्रभावित करने की दृष्टि से नहीं होने देना है।
इसके लिए कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि जिले में गैर वाणिज्यिक हवाई पट्टी, हेलीपैड पर विमान या हेलिकॉप्टर की लैंडिंग के लिए अनुमति प्रदान करने के साथ ही जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी दी जाए। इसके बाद लैंडिंग करने वाले विमान, हेलिकॉप्टर से उतरने वाले हर व्यक्ति की अथवा उसके सामान की जांच आवश्यक रूप से की जाए जब तक कि उसे जांच से छूट प्राप्त न हो। सुरक्षा जांच संबंधित विमान या हेलिकॉप्टर के पायलट तथा मौके पर उपस्थित पुलिस अधिकारी की मदद से यह कार्यवाही की जाए।
इसलिए होगी जांचचुनाव अवधि के दौरान यदि कोई अनधिकृत व्यक्ति, अस्त्र-शस्त्र, निषेध वस्तुएं, ₹50000 से अधिक नगद लेकर चलता है तो इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों के परिपेक्ष्य में आवश्यक कार्यवाही के लिए प्राधिकृत अधिकारी को सूचित किया जाएगा। जांच करने के दौरान यह भी स्पष्ट किया गया है कि विमान या हेलिकाप्टर से उतरने वाले हर व्यक्ति के शरीर की टटोल तलाशी नही ली जाए जब तक कि इसके संबंध में विशिष्ट आदेश प्राप्त न हों।
इनकी नहीं होगी जांचजांच को लेकर जारी निर्देश में कहा गया है कि हवाई पट्टी और हेलीपैड पर उतरने वाले वीवीआईपी और वीआईपी की तलाशी लेने पर रोक रहेगी। इनकी तलाशी नहीं ली जा सकेगी। ऐसे लोगों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व उपराष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यों के उपमुख्यमंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष शामिल हैं। साथ ही लोकसभा में विपक्ष के नेता, भारत रत्न प्राप्त व्यक्ति, विदेशी राजदूत, सुप्रीम कोर्ट के जज, मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत के नियंत्रक लेखा महापरीक्षक, लोकसभा एवं राज्यसभा के उपाध्यक्ष, केंद्रीय राज्य मंत्री, अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया, कैबिनेट सेक्रेटरी, केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, विदेशी प्रेसिडेंट, दलाई लामा, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के व्यक्ति एवं राष्ट्रपति की धर्मपत्नी भी जांच के दायरे से बाहर रहेंगे।
इसलिए तय की गई है जांच की व्यवस्था विमानन विभाग ने जांच की व्यवस्था इसलिए तय की है क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और ब्यूरो आफ सिविल एविएशन ने इस तरह के निर्देश जारी किए हैं कि कलेक्टर अपने जिले में गैर वाणिज्यिक हवाई पट्टी और हेलिपैड में होने वाली गतिविधियों की निगरानी करेंगे।