हरियाली, खूबसूरत पहाड़ और कई हिस्सों में वादियों से घिरे भारत का इतिहास भी काफी पुराना है. वैसे देश में अनेकों ऐतिहासिक इमारते हैं जिनसे बेहद रोचक तत्थ या कहानियां जुड़ी हुई हैं. इन ऐतिहासिक इमारतों को देखने या जानने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी सैलानियों का आना लगा रहता है. क्या आप जानते हैं इन्हीं में से एक कांगड़ा फोर्ट है जिसका इतिहास खजाने तक से जुड़ हुआ है. हिमाचल के कांगड़ा शहर के बाहरी इलाके में ये किला मौजूद है जो चर्चित टूरिस्ट डेस्टिनेशन धर्मशाला से सिर्फ 20 किलोमीटर दूर है.हजारों सालों से बने हुआ ये किला ब्यास और उसकी सहायक नदियों की निचली घाटी के नजदीक मौजूद है. हिमाचल के आकर्षण का केंद्र माने जाने वाले इस किले का संबंध धन या खजाने से रहा है. इसी कारण यहां आने वाला हर शख्स इसके इतिहास को जानने का इच्छुक रहता है. चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़ी कुछ रोचक बातें…
कांगड़ा फोर्ट का निर्माणकहते हैं कि करीब 3500 साल पहले कटोच वंश के महाराजा सुशर्मा चंद्र ने बनाया था. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने कौरवों के खिलाफ लड़ाई में हिस्सा लिया था. ये भी कहते हैं कि दुश्मनों से लड़ाई लड़ने के लिए राजा ने इस किले को बनवाया था.किले में मौजूद है खजाना!ऐसा माना जाता है कि यहां देवता की मूर्ति लगाई गई जिनकी उपासना में धन या आभूषण तक चढ़ाए जाते थे. शासकों का मानना था कि ऐसे करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस कारण कांगड़ा के इस किले में बहुत ज्यादा धन जमा हो गया.
शासकों ने किया हमलाऐसा कहा जाता है कि इस खजाने को दबाने के लिए कई करीब 21 कुएं बनाए गए. इन्हें लूटने के लिए कई शासकों ने हमले किए जिसमें महमूद गजनी का नाम भी शामिल है. कई सालों तक खजाने को ढूंढने की कोशिश के बाद कुओं से खजाना लूट लिया गया. इसके बावजूद आज भी ये रहस्य बना हुआ है कि किले में अभी भी खजाना मौजूद है.किले में 11 गेट और 23 गढ़इस किले के नजदीक लक्ष्मी नारायण, भगवान महावीर और अंबिका देवी का मंदिर मौजूद है.
ये किला बेहद बड़ा है और इसमें 11 द्वार हैं. इसके अलावा कहा जाता है कि इसमें करीब 23 गढ़ है. यहां एक दरवाजा मौजूद है जिसकी चौड़ाई इतनी है कि तीन आदमी एक साथ निकल सकते हैं और इसकी लंबाई करीब 7.5 मीटर है. यहां इसे अंधेरी दरवाजा पुकारा जाता है.कैसे पहुंचे कांगड़ा फोर्टअगर आप कांगड़ा किले का दीदार करने के लिए यहां फ्लाइट से जाना चाहते हैं तो आपको धर्मशाला एयरपोर्ट पहुंचना होगा. यहां से लोकल ट्रांसपोर्ट करके आप सीधे कांगड़ा किले तक पहुंच सकते हैं.