क्या आप भी फोन की ब्राइटनेस हमेशा बढ़ाकर रखते हैं? यह खतरनाक हो सकता है। टेक एक्सपर्ट हमेशा ही स्मार्टफोन की ब्राइटनेस मीडियम रखने की सलाह देते हैं। उनके मुताबिक, ब्राइटनेस को हाई पर सेट रखने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। इससे स्मार्टफोन डैमेज हो सकता है। उसे बनवाने में ज्यादा खर्च लग सकता है। आंखों की सेहत के लिए भी यह ठीक नहीं। इतना ही नहीं इससे बैटरी तक फटने का खतरा होता है। जानते हैं फोन की फुल ब्राइटनेस से क्या-क्या नुकसान हो सकता है..अगर आप अपने स्मार्टफोन की ब्राइटनेस हमेशा बढ़ाकर रखते हैं तो इसका कई तरह से नुकसान होता है। फुल ब्राइटनेस का असर आपके पूरे फोन पर तो पड़ता है।
इसका असर सेहत पर भी पड़ता है। इसलिए फोन को ज्यादा ब्राइटनेस पर नहीं रखना चाहिए।अगर आप फोन की ब्राइटनेस हाई रखते हैं तो इससे प्रोसेसर को नुकसान पहुंचता है। इससे प्रोसेसर पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है और फोन हैंग करने लगता है। वहीं, इससे उलट अगर ब्राइटनेस कम होती है तो फोन स्मूथली चलता है।फोन को हमेशा ही ब्राइटनेस पर डाल देने से बैटरी ज्यादा हीट हो जाती है। ओवरहीटिंग के चलते बैटरी फट सकती है। कई बार यह गंभीर नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए जब तक जरूरत न हो, तब तक ब्राइटनेस को मीडियम ही रखना चाहिए।फुल ब्राइटनेस की वजह से फोन की बैटरी जल्दी-जल्दी खर्च होती है और उसे बार-बार चार्ज करना पड़ता है।
इससे बैटरी लाइफ भी कम हो जाती है और वह ज्यादा दिन तक नहीं चलती। जिससे उसे लगवाना पड़ सकता है या नया फोन खरीदना पड़ सकता है। जब भी आप फोन की ब्राइटनेस फुल पर रखते हैं, तब डिस्प्ले खराब हो सकती है। फोन हीट होने के चलते डिस्प्ले समेत कई पार्ट पर इसका असर पड़ता है और फोन जल्दी खराब हो सकता है। इसलिए हमेशा ब्राइटनेस को बढ़ाकर नहीं रखना चाहिए।