विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कोविड की स्थिति चीन की तरह खराब नहीं हो सकती है। क्योंकि पड़ोसी देश चीन में बढ़ते मामलों में स्पाइक चलाने वाला प्राथमिक वैरिएंट भारत के लिए नया नहीं है। सीएसआईआर- सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारतीय पहले ही इस वैरिएंट के स्पाइक को अपने शरीर में झेल चुके हैं। हमारे शरीर में इस वैरिएंट के खिलाफ एम्युनिटी विकसित हो चुकी है। विशेषज्ञों ने बताया कि BF.7 वैरिएंट और ओमिक्रॉन BA.5 में स्पाइक लगभग समान है।
इस वैरिएंट के खिलाफ भारतीयों में एम्युनिटी पहले ही विकसित हो चुकी है, क्योंकि ओमिक्रॉन लहर के दौरान भारतीयों ने इस वैरिएंट का सामना किया है। भारत में BF.7 वैरिएंट से संक्रमित चार लोग पाए गए थे। लेकिन अब वे ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा संक्रमण की गंभीरता उतनी नहीं है, जितना डेल्टा के साथ हुआ करती थी।विशेषज्ञ ने को बताया, “हमनेडेल्टा लहर देखी है जो एक बड़ी लहर थी। फिर हमने टीकाकरण करवाया। फिर ओमिक्रॉन लहर आई और हमने बूस्टर खुराक ली। हम कई मायनों में अलग हैं। चीन में जो हो रहा है, हो सकता है कि उसकी वजह से भारत में न हो।”