नई दिल्ली:- अगले कैलेंडर वर्ष के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा तीन रेट कट का संकेत दिया जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि इसमें ज्यादातर विदेशी निवेशक धमाकेदार वापसी के साथ इंटर करेंगे।
बीते 3 महीना में तकरीबन 75000 करोड़ की इक्विटी को सेल करने के पश्चात विदेशी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर ने दिसंबर महीने में अभी तक 29700 करोड रुपए की इक्विटी खरीद ली है।
फंड मैनेजर्स और एनालिस्ट का कहना है कि बॉन्ड यील्ड में नमी, डॉलर में नरमी साथी साथ रेट कट की वजह से मजबूत विदेशी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर इन्फ्लो की संभावना बहुत ज्यादा है।
हालांकि भाजपा पार्टी ने तीन राज्यों में चुनावी जीत के बाद घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत ग्रोथ देने वाले नवीनतम आंकड़ों के पश्चात देश में पॉलिटिकल अनसर्टेंसी को दूर कर दिया है।
निगाहें लार्ज-कैप पर
दोस्तों जिस प्रकार विदेशी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर भारत में वापसी कर रहे हैं। उन सभी का लार्ज-कैप पर निगाहें बहुत तेज बनी हुई है।
मनीकॉन्ट्रोल एनालिसिस के मुताबिक फार्मा, आईटी साथ ही साथ कुछ बैंकों में भारी निवेश करने से बहुत ज्यादा लाभ होने वाला है। क्योंकि सन 2022 में रेट हाइक साइकिल स्टार्ट होने के पश्चात उन्होंने विदेशी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर हिस्सेदारी में सबसे ज्यादा सेंध लगाया।
इन सेक्टर को होगा फायदा
LTI Mindtree, TCS, Wipro और इंफोसिस में विदेशी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर की हिस्सेदारी रेट हाइक साइकिल के दौरान मैक्सिमम हिस्सेदारी से लगभग नीचे है। वहीं 9 प्रतिशत टेक महिंद्रा का अंतर है।
दोस्तों वही दूसरा सबसे ज्यादा फायदा होने वाला सेक्टर फार्मा है। रेट हाइक साइकिल के दौरान डिवीज़ लैबोरेट्रीज साथ ही साथ सिप्ला जैसे शेयर विदेशी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर की हिस्सेदारी में 3% से 5% का गिरावट देखने को मिला है।