नई दिल्ली:- बदलते वक्त के साथ अब किसान भी बदल रहा है और खेती में नए-नए प्रयोग कर रहा है. अब तो कुछ किसान फूल की खेती की ओर भी अग्रसर हो रहे हैं. विशेषज्ञ के मुताबिक, फूलों की खेती से भी अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है. ये फूल जितने खूबसूरत होते हैं, उतने ही किसानों के लिए लाभदायक भी साबित हो सकते हैं. आज बात गुलाब के फूल की करेंगे. डॉ. प्रज्ञा श्री मिश्रा बताती हैं कि, ”कैसे गुलाब का फूल आपकी जिंदगी में महक घोल सकता है और जिंदगी को खूबसूरत बना सकता है. इसकी खेती करना भी आसान है, जिससे किसानों को अच्छी खासी आय हो सकती है.’
गुलाब का ओरिजिन कहां हुआ
फ्लोरीकल्चर और लैंडस्कैपिंग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रज्ञा श्री मिश्रा बताती हैं, ”गुलाब का ओरिजिन पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध का जो हिस्सा होता है उसके डिफरेंट डिफरेंट जगह पर हुआ था. इसकी कुछ प्रजातियां कश्मीर में मिलती हैं, कुछ नॉर्दर्न अमेरिका में और कुछ यूरोप जैसी जगह पर मिलती हैं.
भारत बड़ा एक्सपोर्टर
फ्लोरीकल्चर और लैंडस्कैपिंग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रज्ञा श्री मिश्रा बताती हैं कि, ”गुलाब की खेती में किसानों के लिए बहुत संभावनाएं हैं. वजह है कि भारत वैसे भी गुलाब का एक बड़ा एक्सपोर्टर है. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा एरिया में गुलाब की खेती की जाती है. जहां से विदेशों में भी गुलाब एक्सपोर्ट होता है. यहां पॉलीहाउस में 12 महीने गुलाब की खेती की जाती है. इसके अलावा इत्र बनाने के लिए जिन गुलाब के फूलों का इस्तेमाल होता है, उनकी सबसे ज्यादा यूपी के कन्नौज, राजस्थान के हल्दीघाटी, पुष्कर, अजमेर और तमिलनाडु की भी कुछ जगहों पर खेती होती है.
भारत की जलवायु अच्छी
डॉ. प्रज्ञा श्री मिश्रा बताती हैं कि, ”गुलाब के फूल के लिए भारत का एटमॉस्फेयर, जलवायु बहुत ही अच्छी है. इसीलिए भारत गुलाब का एक बहुत अच्छा एक्सपोर्टर भी है. भारत में विंटर में नार्मल टेंपरेचर गुलाब के फूल के लिए बेस्ट टेम्परेचर है. क्योंकि इसके लिए थोड़ा ठंडा नार्मल टेंपरेचर चाहिए होता है.
लगभग 16 से 25 डिग्री तक टेंपरेचर गुलाब के लिए बेस्ट होता है. जिसमें गुलाब का फूल बहुत ही अच्छा खिलता है. हालांकि आप देखेंगे कि यूरोप आदि में गुलाब के फूल की डिमांड बहुत होती है. लेकिन इस समय वहां बर्फ गिरती है, जिससे वो टेंपरेचर नहीं मिलता और गुलाब के फूल की पैदावार वहां नहीं हो पाती. इसीलिए भारत इसका बहुत बड़ा एक्सपोर्टर है. यहां की जलवायु बहुत अच्छी है.
”हालांकि इथियोपिया और केन्या जैसे कुछ देश अब हमारी बराबरी में गुलाब की खेती के लिए खड़े हो रहे हैं. क्योंकि उनकी जलवायु भी हमारे जैसी ही है, लेकिन उसके बाद भी गुलाब के फूल का एक्सपोर्ट भारत में बहुत ज्यादा होता है और विदेशों में इसकी बहुत ज्यादा डिमांड है. खासकर वैलेंटाइन डे के समय पर गुलाब के फूलों की बहुत ज्यादा मांग होती है. इसलिए पाली हाउस में 12 महीने गुलाब के फूल लगाए जाते हैं.
किस तरह की मिट्टी अच्छी
डॉ. प्रज्ञा श्री मिश्रा ने बताया, ”गुलाब के फूल की खेती के लिए देखा जाए तो बलुई दोमट मिट्टी बहुत अच्छी मिट्टी मानी जाती है. अगर उपजाऊ खेत हैं तो बहुत अच्छी बात है. इसके अलावा इसको लगाने के लिए आखिरी मानसून का टाइम अच्छा होता है. क्योंकि उस समय बारिश भी होती है, पानी भी मिल जाता है. कोशिश करें कि ज्यादा बारिश के समय खेती न करें. गुलाब के पौधों को ओपन एरिया में ही लगाएं. इसके अलावा पाली हाउस में गुलाब लगाने के लिए बसंत ऋतु का समय अच्छा माना जाता है. गुलाब के पौधे को लगाने के लिए टी बडिंग का तरीका बेस्ट माना जाता है. साथ ही गुलाब के पौधे से दूसरे पौधे की दूरी एक से डेढ़ मीटर की होना चाहिए. पौधे के लिए सूर्य की रोशनी बहुत जरूरी है.” डॉ. प्रज्ञा श्री मिश्रा बताती हैं कि, ”गुलाब के फूल में शुरुआती 2 साल तो थोड़ा कम फूल आएंगे, क्योंकि ग्रोइंग टाइम रहेगा. लेकिन तीसरे साल से बंपर फूल लगने लगेंगे.