‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन करने वालेसुभाष चंद्र बोस ने दिया था. भारत की आजादी में उनका बहुत बड़ा रोल था. सुभाष चंद्र बोस को सबसे बहादुर देशभक्त कहा जाता है. लेकिन, आजादी से 2 साल पहले 1945 में उनकी एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी. हालांकि, कई लोगों ने उनकी मौत की बात को नहीं माना था. कुछ लोग मानते थे कि सुभाष चंद्र बोस मरे नहीं जिंदा हैं. उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश सेवा के नाम कर दी थी. उन पर कई किताबें लिखी गई हैं. साथ ही उन पर कई फिल्में और वेब सीरीज भी बन चुकी हैं.फिल्म मेकर्स ने आज की जनरेशन को उनसे रूबरू कराने के लिए उनकी जिंदगी के पहलुओं को बड़े पर्दे पर उतारने की कोशिश की है. आज हम आपको 5 ऐसी फिल्में बताने जा रहे हैं, जो उनकी जिंदगी के हर पहलू बचपन, जवानी से लेकर भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बनने तक की कहानी बयां करती है.
‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटन हीरो’।साल 2004 में आई ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटन हीरो’ का निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया था. इस फिल्म में नेता जी के भारत छोड़ने और घर से निकलने के बारे में दिखाया गया है. फिल्म में बताया गया है कि ‘आजाद हिंद फौज’ की स्थापना कैसे हुई थी. भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद कराने की लड़ाई को भी अच्छे से दर्शाया गया है. ये फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आई थी. सचिन खेडेकर ने इसमें अहम रोल अदा किया था. फिल्म को दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिले थे.
गुमनामी2019 में आई ‘गुमनामी’ में सुभाष चंद्र बोस की जिंदगी की उस कहानी को सबूतों के आधार पर दिखाने की कोशिश की गई है, जब कहा जाता था कि वो ‘गुमनाम बाबा’ बनकर जिंदगी गुजार रहे हैं. इस फिल्म में उनका किरदार प्रोसेनजीत चटर्जी ने अदा किया था.
इसी सब्जेक्ट पर डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर अमलान कुसुम घोष ने भी 2022 में एक और फिल्म संन्यासी देशनायोक बनाई थी.
राग देशतिग्मांशु धूलिया के निर्देशन में बनी ‘राग देश’ 2017 में रिलीज हुई थी. फिल्म में कुणाल कपूर, अमित साध, मोहित मारवाह, विजय वर्मा और मृदुला मुरली, केनी बसुमतारी जैसे कलाकारों ने अहम रोल अदा किया था. कहानी दूसरे विश्व युद्ध के बाद की स्थिति पर बनाई गई है. जब, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में सेना भारत वापस आती है और अंग्रेजों से लड़ने के लिए लोगों की भर्ती शुरू करती है. ये फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए.
सुभाष चंद्र‘सुभाष चंद्र’ 1966 में रिलीज हुई थी. ये एक ऐसा दौर था, जब नेताजी पर फिल्में बनाना शुरू किया गया था. इसमें उनके बचपन और कॉलेज के दिनों को दिखाया है. बोस ने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा को भी पास किया था, जो आज भी कई युवाओं का सपना होता है. इस फिल्म में उनके इस सफर की कहानी को भी बयां किया गया है. इस फिल्म को पीयूष बोस ने डायरेक्ट किया था. इसमें समर चटर्जी ने बोस की भूमिका निभाई थी.अमी सुभाष बोलचीये फिल्म एक बंगाली शख्सियत पर बनाई गई है बारे में है, इसमें लीड रोल में मिथु चक्रवर्ती को देखा गया था. एक ऐसा शख्स जिसकी जिंदगी सुभाष चंद्र बोस से मिलने के बाद बदल जाती है।