चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को इस समय सबसे बड़ी परेशानी बूढ़ी होती आबादी से हो रही है. नवजात शिशुओं की संख्या में गिरावट के कारण चीन जनसांख्यिकीय पतन की ओर बढ़ रहा है. 2022 में चीन में नवजात शिशुओं की संख्या 10 मिलियन से भी कम रही, जबकि 2012 में यह संख्या लगभग 16 मिलियन थी. कुछ अनुमानों के अनुसार, चीन की वर्तमान जनसंख्या लगभग 1.4 बिलियन वर्ष 2100 तक घटकर लगभग 500 मिलियन हो सकती है. इस स्थिति का दोष महिलाओं पर मढ़ा जा रहा है कि वह बच्चे पैदा करने को तैयार नहीं है.अक्टूबर में एक भाषण के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सरकार समर्थित ऑल-चाइना महिला फेडरेशन से “महिलाओं से इस समस्या को हल करने” का आग्रह किया था.
कमजोर अर्थव्यवस्था और उच्च बेरोजगारी का सामना करने की वजह से कई युवा चीनी निराश हैं और अपने माता-पिता की पीढ़ी की तुलना में एक अलग जीवन शैली की तलाश कर रहे हैं.महिलाएं नहीं कर रहीं शादीकई महिलाओं को लगता है कि शादी और बच्चे पैदा करने का स्थापित मॉडल अनुचित है. जिन बुजुर्गों की एक ही संतान है और वो भी सिर्फ लड़की तो वह उनकी देखभाल के लिए मुश्किल से समय निकाल पाती है. ऐसे में उसको लगता है कि अगर वह शादी करेगी तो अपने पति और बच्चे को समय नहीं दे पाएगी, इसलिए चीन में बड़ी तादाद में महिलाएं शादी भी नहीं कर रही है.
एक बच्चे की नीति को खत्म करेगी सरकारचीनी सरकार ने 2015 में घोषणा की कि वह अपनी 35 साल पुरानी एक बच्चे नीति को समाप्त कर देगी, तो अधिकारियों को बेबी बूम की उम्मीद थी. इसके लिए सरकार की तरफ से नवनिर्मित प्रसूति वार्ड खोले गए, लेकिन वह कुछ ही वर्षों में बंद हो गए. शिशुओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले व्यवसाय अब वृद्ध आयु समूहों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. बच्चों की देखभाल के बनाए गए नए किंडरगार्टन में छात्रों की कमी के कारण इनमें से कई बंद हो गए हैं. 2022 में चीन में प्रीस्कूल शिक्षा संस्थानों की संख्या में 2% की कमी आएगी, जो 15 वर्षों में पहली गिरावट है.क्या कहते हैं आंकड़ेशोधकर्ताओं का अनुमान है कि 2023 में चीन में जन्मों की संख्या 9 मिलियन से कम हो जाएगी. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2023 में भारत में जन्मों की संख्या 23 मिलियन तक पहुंच जाएगी और चीन को पछाड़कर दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 2023 में संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 3.7 मिलियन बच्चों का जन्म होगा.चीन की जनसांख्यिकीय समस्या का एक बड़ा हिस्सा इसकी एक बच्चे वाली नीति के कारण है. चीन में पहले की तुलना में कम युवा लोग हैं और उनमें महिलाएं भी शामिल हैं. महिलाएं शादी करने और बच्चे पैदा करने के प्रति अनिच्छुक हैं, जिससे जनसंख्या में गिरावट तेज हो रही है.चीन में 2022 में 6.8 मिलियन जोड़ों ने शादी के लिए पंजीकरण कराया, जबकि 2013 में 13 मिलियन जोड़ों ने पंजीकरण कराया था.
2022 में चीन की कुल प्रजनन दर (यानी, एक महिला के जीवनकाल में बच्चों की औसत संख्या) प्रति महिला एक बच्चे के करीब होगी, जोकि जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए आवश्यक आवश्यक 2.1 से काफी कम है.अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहितहालांकि जिनपिंग सरकार विभिन्न विवाह कार्यक्रम आयोजित कर रही है और सैन्य परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक कार्यक्रम लागू कर रही है.
जिसके बाद चीन में सैनिक अभी भी दूसरे और तीसरे बच्चे को जन्म देने व राष्ट्रीय प्रजनन नीति को लागू करने में अग्रणी हैं.चीनी वंशावली जारी रखेंइस साल अगस्त में चीन के शीआन के निवासियों ने कहा कि उन्हें चीनी वेलेंटाइन डे पर सरकारी नंबरों से स्वचालित शुभकामनाएं मिलीं, जिसमें लिखा था, ”जैसे-जैसे चीनी वेलेंटाइन डे नजदीक आ रहा है, मैं आपके लिए मधुर प्रेम, आयु-उपयुक्त विवाह, प्रसव और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं. बच्चे पैदा करने वाली दोस्ती बनाएं, चीनी वंशावली जारी रखें और कायाकल्प के महत्वपूर्ण कार्य को साझा करें!
!ज्यादा बच्चों पर नकद प्रोत्साहनचीन में कुछ स्थानीय सरकारें उन जोड़ों को नकद प्रोत्साहन देती हैं, जिनके पास दूसरा या तीसरा बच्चा है. झेजियांग प्रांत की एक काउंटी 25 साल की उम्र से पहले शादी करने वाले हर जोड़े को 1,000 युआन का नकद इनाम देती है. 2015 से पहले जब चीन में एक बच्चा नीति थी तो महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. अगर किसी ने गलती से भर्ग धारण कर लिया होता था जो उसका जबरन गर्भपात करा दिया जाता था.इसके अलावा कुछ लोगों ने सरकार से छिपकर दूसरा बच्चा पैदा किया तो पता चलने पर उनपर मोटा जुर्माना लगाया जाता, जोकि 10 हजार डॉलर तक होता था.