8 फरवरी को पाकिस्तान में हुए चुनाव के परिणाम आ गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 264 सीटों में से 97 सीट निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती हैं, जो पूर्व पाकिस्तान पीएम इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी से जुड़े हुए हैं. वहीं, नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) पार्टी 76 सीटों के साथ चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनी है. बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी करीब 50 सीट ही जीत पाई. इस सब के बीच PTI पार्टी ने चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया है.मिनेसोटा से सांसद इल्हान उमर समेत अमेरिका के कई प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान के चुनाव की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं. PTI पार्टी का आरोप है कि पोलिंग स्टेशन के फॉर्म 45 में हेरा-फेरी की गई है. दावा किया जा रहा है कि इसकी वजह से चुनाव के नतीजे बदल गए हैं.
आइए जानते हैं कि ये फॉर्म 45 क्या होता है और इससे चुनावों के परिणाम कैसे बदल सकते हैं?
फॉर्म 45 क्या होता है?पाकिस्तान चुनाव में फॉर्म 45 काफी अहम दस्तावेज होता है. आसान शब्दों में समझें तो फॉर्म 45 में किसी क्षेत्र के पोलिंग बूथ में पड़े वोटों का ब्यौरा होता है. पोलिंग स्टेशन की संख्या, निर्वाचन क्षेत्र का नाम, कुल कितने रजिस्टर्ड वोटर्स हैं, कितने वोट डाले गए, किस उम्मीदवार को कितने वोट मिले- ये सब जानकारी फॉर्म 45 में दी जाती है. इस वजह से फॉर्म 45 को रिजल्ट ऑफ द काउंट भी कहा जाता है.पाकिस्तान के चुनाव में कितना जरूरी है फॉर्म 45?फॉर्म 45 से चुनाव में पारदर्शिता बढ़ती है, मतों का सत्यापन किया जाता है और परिणामों में धांधली होने की संभावना कम हो जाती है. हर पोलिंग स्टेशन में उस क्षेत्र का फॉर्म 45 तैयार होता है.
प्रिसाइडिंग ऑफिसर और पोलिंग एजेंट इस पर अपने साइन करते हैं. नियमों के अनुसार, उम्मीदवार और मतदाता को ये फॉर्म देखने की इजाजत होती है, जिससे वो खुद वोटों का पूरा ब्यौरा देख सकें. जब शाम को वोटिंग खत्म होती है, तो ये फॉर्म आगे रिटर्निंग ऑफिसर को भेज दिया जाता है. वहां, सभी पोलिंग स्टेशन से आए डाटा को इकट्ठा करके परिणाम तैयार करता है.इन नियमों का हुआ उल्लंघनPTI पार्टी का आरोप है कि इन्हीं फॉर्म 45 की जानकारी में हेरफेर हुआ है. पोस्ट में कहा गया, ‘PTI उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों ने इनकी (फॉर्म 45) काॅपी ली हैं और इनमें PTI बड़े बहुमत से जीतती हुई दिख रही है.’
पार्टी का आरोप है कि पोलिंग एजेंटों को अपहरण कर उनसे फर्जी फॉर्म 45 पर साइन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इसके अलावा, इमरान खान की पार्टी ने दावा किया कि रिटर्निंग ऑफिसर फॉर्म 47 के जरिए नतीजों में हेरफेर कर रहे हैं. फॉर्म 47 में चुनावी निर्वाचन क्षेत्र के हर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की पूरी जानकारी होती है.पाकिस्तान चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, फॉर्म 47 को तैयार करने के दौरान उम्मीदवार और उनके पोलिंग एजेंटों की उपस्थिति होना अनिवार्य है. इसके अलावा रात 2:00 बजे तक नतीजे (फॉर्म 47) जारी करना अनिवार्य है. लेकिन PTI पार्टी के अनुसार, चुनावों में इन दोनों नियमों का उल्लंघन हुआ है.
कथित धांधली के वायरल वीडियोमीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, PTI की तरफ से लड़ रहें उम्मीदवार कई निर्वाचन क्षेत्रों में अचानक हार गए हैं, जहां वो पहले ही स्पष्ट बहुमत से जीत चुके थे. ह्यूमन राइट्स काउंसिल ऑफ पाकिस्तान (HRC Pakistan) एक गैर राजनीतिक है, जो पाकिस्तान चुनावों की शुरूआत से उनकी विश्वसनीयता की करीबी से जांच कर रहा है. इस संगठन ने भी चुनावों की वैधता पर सवाल खड़े किए हैं.HRC Pakistan के ट्विटर हैंडल ने पोस्ट किया, ‘पूरे पाकिस्तान में व्यापक धांधली, फर्जी मतदान, पोलिंग एजेंटों को बाहर निकालने और वोट बर्बाद करने के अनगिनत मामले सामने आए हैं.’
इसके साथ वीडियो भी शेयर की गई हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि पोलिंग स्टेशन के बाहर नकली फॉर्म 45 तैयार किए जा रहे हैं. इस सब के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने रविवार को महिलाओं और युवाओं को बड़े पैमाने पर चुनाव में वोट करने के लिए प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने लोकतंत्र में विश्वास जताया है.