अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. नागरिक धोखाधड़ी केस में उनके खिलाफ ट्रायल शुरू हो गया है. सोमवार को वह न्यूयॉर्क के एक कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे.कोर्ट से बाहर आने के बाद पूर्व राष्ट्रपति ने दावा किया कि उन पर राजनीतिक हमला किया जा रहा है. इसका मकसद उनको चुनाव प्रचार करने से रोकना है. यह बात न्यूज एजेंसी एएनआई ने सीएएन की रिपोर्ट के हवाले से कही. कोर्ट में पेशी की वजह से न्यू हैम्पशायर, साउथ कोरोलिना और दूसरी जगहों पर प्रचार नहीं कर पाने पर डोनाल्ड ट्रंप ने निराशा जताई.
राजनीतिक विरोधी हो गए सफल-ट्रंपडोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनके राजनीतिक विरोधियों के मंसूबे सफल हो गए. उन्होंने उनको चुनाव प्रचार करने से रोक दिया. पूरा दिन उनका अदालत में ही निकल गया, जिसकी वजह से वह चुनाव प्रचार के लिए जा ही नहीं सके. ट्रंप ने कहा कि पूरे दिन अदालत में बैठे रहने की वजह से वह न्यू हैम्पशायर, साउथ कोरोलिना और दूसरी जगहों पर चुनाव प्रचार के लिए जा ही नहीं सके.
डोनाल्ड ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या वह मंगलवार को फिर से पेशी के लिए कोर्ट आएंगे तो इस सावल के जवाब में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि वह कोर्ट ना आना ही पसंद करेंगे. इसकी जगह पर वह प्रचार करना ज्यादा पसंद करेंगे. कोर्ट की सुनवाई के दौरान न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल के पहले गवाह और ट्रंप के पूर्व और लंबे समय से अकाउंटेंट रहे डोनाल्ड बेंडर को बुलाया गया. उन्होंने साल 2011 के फाइनेंशियल डॉक्युमेंट्स के बारे में गवाही दी. उन्होंने कहा कि अकाउंटिंग फर्म मजार्स स्टेटमेंट्स जारी नहीं करता अगर उसको पता होता कि ट्रंप ऑर्घनाइजेशन के नंबर्स सही नहीं हैं. ट्रंप के खिलाफ धोखाधड़ी केस में ट्रायल शुरूवहीं ट्रंप के पूर्व संबे समय से चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रहे एलन ने कहा कि 2011 के डॉक्युमेंट्स पर उन्होंने ही ट्रंप की तरफ से हस्ताक्षर किए थे, जिसके आंकड़े सही थे.
वहीं ट्रंप के पूर्व अकाउंटेंट बैंडर ने कोर्ट में कहा कि अगर यह पता होता कि ट्रंप के ऑर्गनाइजेशन ने सही आंकड़े नहीं बताए हैं तो अकाउंटिंग फर्म मजार्स यूएसए फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स जारी नहीं करता.बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सोमवार को धोखाधड़ी के मामले में ट्रायल शुरू हो गया. इसी के सिलसिले में वह न्यूयॉर्क की एक कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे थे. उन पर आरोप है कि रियल एस्टेट बिजनेस के बारे में झूठ बोलकर उन्होंने 100 मिलियन डॉलर कमाए थे.