भोपाल:- राजधानी के कुशाभाउ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में दो दिवसीय हार्ट, बीपी और शुगर रोगों से संबंधित अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. शुभारंभ के अवसर पर इस कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से आए 300 से अधिक चिकित्सक सम्मिलित हुए. इस दौरान विशेषज्ञों ने हार्ट, शुगर और बीपी जैसी बीमारियों से संबंधित अपने-अपने अनुभव साझा किए. बीमारियों के प्रकार और लक्षण के साथ उपचार व परहेज पर भी काफी चर्चा हुई. इस दौरान भोपाल के डॉक्टर पंकज मनोरिया ने स्वस्थ जीवन शैली का फार्मूला 80 बताया.
स्वस्थ्य जीवन शैली के लिए जरुरी है फार्मूला 80
डॉ. मनोरिया ने बताया कि, ”यदि कोई भी अपने जीवन में फार्मूला 80 का पालन करता है, तो वो आराम से 80 साल की उम्र को बिना बीमारी के पार करता है. यह फार्मूला इतना आसान है कि अनपढ़ व्यक्ति भी इसे फालो कर सकते हैं.” डॉ. मनोरिया ने बताया कि, ”आपकी कमर का घेरा 80 सेंटीमीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए. यदि आपकी बेसलाइन बढ़ेगी तो आपकी लाइफलाइन बढ़ेगी. आपका ब्लड शुगर 80 होना चाहिए. खराब कोलेस्ट्रोल 80 होना चाहिए. हर तीन दिन में 80 मिनट वाक करना चाहिए. जो अल्कोहल ले रहे हैं, उन्हें 3 दिन में 80 एमएल से अधिक ड्रिंक नहीं करना चाहिए. स्मोकिंग से 80 मीटर दूर रहना चाहिए. स्वस्थ्य जीवन शैली के लिए आदमी को दिन में 80 बार स्माइल करना चाहिए.
हर 3 में से एक को हाई बीपी
डॉ. मनोरिया ने बताया कि, ”जीवनशैली से जुडे़ रोग डायबिटीज, मोटापा, बीपी और हार्ट अटैक तेजी से बढ़ रहे हैं. स्थिति यह है कि हर तीन में से एक को हाई बीपी, हर पांच में से दो लोगों को धूम्रपान की लत, हर सात में से एक को डायबिटीज और हर तीन में से एक हाई कोलेस्ट्रॉल के शिकार हैं. एक अक्षर एस के कारण भारत के लोगों को अन्य देश के मुकाबले हार्ट अटैक 10 साल पहले आता है. एस का अर्थ सैचुरेटेड फैट, शुगर, स्मोकिंग, स्ट्रेस और स्लीप है. यदि आप लंबी जिंदगी जीना चाहते हैं तो 80 के मूल मंत्र का पालन करना चाहिए.
80 का मूल मंत्र
कमर का घेरा – 80 सेंटी मीटर
एलडीएल कोलेस्ट्राल और ब्लड शुगर – 80 एमजी
हृदय की धड़कन – 80/मिनट
अल्कोहल तीन दिन में – 80 एमएल
नीचे का ब्लड प्रेषर – 80 एमएम एचजी
स्वयं को रोजाना दें – 80 मिनट
मुस्कुरायें – 80 बार एक माह में
धूम्रपान करने वालों से दूरी – 80 मीटर
दूषित वातावरण – 80 डीबी से ज्यादा से बचें
हार्ट अटैक लकवा रोगी – 80 एमजी एसप्रिन और अटोर्वा
सैर करना – 80 मिनट तीन दिन में
हर माह आ रहे युवा मरीज
20 से 30 साल के हर माह एक से दो पेशेंट हार्ट अटैक के दिख रहे हैं. जिसमें प्रमुख कारण स्मोकिंग है. इससे ब्लाकेज बढ़ रहे हैं. इस आयु में हार्ट अटैक आने पर मृत्यु होने की दर ज्यादा है. दूसरी जिम में मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य कर देना चाहिए. जिन लोगों को एक्सरसाइज के दौरान हार्ट फेलियर या अटैक के मामले आए, उनका यदि कार्डियक फिटनेस टेस्ट कराया गया होता तो यह रोका जा सकता है.
30 से अधिक आयु तो यह पांच जांच जरूर कराएं
मुंबई से आए डॉ. खुशरव भजन ने बताया कि, ”आज कल ऑफिस, घर और गाड़ियां हर जगह एसी हैं. लोग कम सूरज की रोशनी में आते हैं. इससे विटमिन डी की कमी हो जाती है. इसके अलावा आलस भी लोगों में बढ़ा है. यह सब मिलकर बीमारियों की तरफ लेकर जा रहा है. 20 साल या आस पास की आयु के लोगों को आउट डोर एक्टिविटी की तरफ विशेष ध्यान देने की जरूरत है. जिससे वे कम आयु में ह्रदय रोग, हाईपरटेंशन, डायबीटिज समेत एक दर्जन से ज्यादा रोगों से बच सकें. 30 से अधिक आयु हो तो हर छह माह में बीपी, मधुमेह, केरेटीन, थाइरायड, सीबीसी, एलएफटी, लिपिड प्रोफाइल की जांच जरूर करानी चाहिए.