अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बड़ी चेतावनी जारी की है। नासा ने विशालकाय एस्टेरॉयड के धरती से टकराने को लेकर अहम जानकारी दी है। इस एस्टेरॉयड की खोज साल जनवरी 2022 को हुई थी। धरती के लिए एस्टेरॉयड को खतरा माना जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर धरती से एस्टेरॉयड टकराता है, तो बड़ी तबाही मच सकती है। बताया जाता है कि धरती से एक बार एस्टेरॉयड की टक्कर हुई थी, जिसके बाद पृथ्वी से डायनासोर खत्म हो गए थे।
हालांकि वैज्ञानिकों ने कई बार धरती से एस्टेरॉयड के टकराने की संभावना जताई, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ। इन दिनों धरती के पास से लगातार एस्टेरॉयड गुजर रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अक्सर धरती के करीब एस्टरॉयड के आने की चेतावनी जारी कर रही है। सौरमंडल में बड़ी संख्या में एस्टेरॉयड मिलते हैं। धरती के करीब 16 हजार एस्टेरॉयड घूम रहे हैं।
खतरनाक एस्टेरॉयड कई बार धरती के इतने करीब पहुंचे जाते हैं कि इनके टकराने की संभावना बढ़ जाती है। अब एक बार फिर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक विशालकाय एस्टेरॉयड को लेकर अलर्ट जारी किया है।
नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) ने एस्टेरॉयड 2022 BS2 को लेकर अलर्ट जारी किया है। साल 2022 में खोजा गया यह एस्टेरॉयड 380 दिन में सूर्य के चारों तरफ अपनी परिक्रमा पूरी करता है। बताया गया है कि यह एस्टेरॉयड अपोलो ग्रुप से संबंधित है।
यह एस्टेरॉयड 95 फीट का है और धरती की तरफ तेजी से आ रहा है। यह 29585 किलोमीटर प्रतिघंटा की तूफानी रफ्तार से धरती की तरफ आ रहा है। अब यह 8 फरवरी 2048 को फिर से धरती के करीब आएगा। फिलहाल एस्टेरॉयड 2022 BS2 11 अगस्त 2023 को धरती के करीब से गुजरेगा। हालांकि नासा ने अभी तक इसके धरती से टकराने जैसी कोई जानकारी नहीं दी है।
धरती से एस्टेरॉयड की टक्कर बहुत ही दुर्लभ घटना है, लेकिन इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ग्रह की आकार के तुलना में एस्टेरॉयड बेहद छोटे हैं। धरती का व्यास करीब 12,756 किलोमीटर का है। ऐसे में धरती का गुरुत्वाकर्षण भी बेहद शक्तिशाली है।
नेशनल साइंस फाउंडेशन के मुताबिक, धरती का गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली है कि यह किसी वस्तु को 9.8 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से अपनी तरफ खींच सकता है। ऐसे में कई बार एस्टेरॉयड भी धरती की तरफ खींचे चले आते हैं।
क्या है एस्टेरॉयड?
उल्कापिंड या क्षुद्रग्रह को एस्टेरॉयड कहा जाता है। किसी ग्रह के बनते समय उससे छोटे-छोटे चट्टान के टुकड़े निकलकर बाहर आ जाते हैं और सूर्य की परिक्रमा करने लगते हैं। कभी कभी ऐसा होता है कि यह अपनी कक्षा से बाहर निकल जाते हैं। आमतौर पर ग्रहों की कक्षा में एस्टेरॉयड जल जाते हैं, लेकिन बड़े एस्टेरॉयड कभी-कभी ग्रहों से टकरा जाते हैं। पृथ्वी से भी एस्टेरॉयड की टक्कर हो चुकी है।