: किसानों, मजदूरी, बुनकरों, कारोबारियों और नौकरे पेशे से जुड़े लोगों के लिए यह महीना काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है. इसकी वजह कि मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बनी केंद्र सरकार नए कार्यकाल का अपना पहला बजट पेश करेगी. वित्तीय बजट से सभी को अपने लिए बड़ी उम्मीदें हैं, जहां कुछ बड़े ऐलान किए जाने तय माने जा रहे हैं.इस बार बजट को लेकर किसान भी काफी खुश हैं, क्योंकि कुछ बड़ी सौगात मिलने की संभावना है. केंद्र की मोदी सरकार किसान परिवार को खुश करने के लिए बड़ी घोषणा कर सकती है. कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र की तरफ से पीएम किसान सम्मान निधि योजना को अब 1,000 रुपये महीना किया जा सकता है. सरकार किसानों को लुभाने के लिए यह फैसला लेने पर विचार कर रही है. हालांकि, अभी कृषि मंत्रालय की तरफ से ऐसा कोई अपडेट नहीं मिला है.
1000 रुपये किस्त की राशि पर विचार क्यों?बीते लोकसभा चुनाव में दस साल से सत्ता में रहने वाली बीजेपी को भारी नुकसान उठाना पड़ा. 400 लोकसभा सीटों पर जीत के लिए मैदान में उतरी बीजेपी कुल 240 सीटों पर सिमट गई. इसमें सबसे बड़ी नाराजगी किसानों की बताई गई है. इस साल अब कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जहां के किसानों को खुश करने के लिए सरकार किस्त की राशि बढ़ाने पर विचार कर रही है.kisan newsचर्चा है कि सरकार प्रत्येक चार महीने में जो किस्त की राशि प्रदान की जाती है, उसे प्रति महीने कर दिया जाए. प्रति महीने 1000 रुपये कर दिए जाएं, जिससे किसानों को हर साल 12,000 रुपये का लाब मिलेगा. इस प्लान से पीएम किसान सम्मान निधि योजना की किस्त की राशि भी दोगुनी हो जाएगी.सरकार हर साल देती इतनी किस्तेंनरेंद्र मोदी किसानों को मौजूदा हालात में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 2,000 रुपये की किस्त देती है.
यह किस्त की राशि प्रत्येक चार महीने में खाते में ट्रांसफर की जाती है. इस हिसाब से हर साल 6000 रुपये किस्त के रूप में मिल जाते हैं. सरकार किसान वर्ग को लुभाने के लिए अब किस्त की राशि को 2000 की बजाए 4,000 रुपये करने पर विचार कर रही है.इस हिसाब से 4,000 की तीन किस्तों में हर साल 12,000 रुयपे दिए जाएंगे. सरकार चार महीने में देने के बजाय सोच रही है कि क्यों ना किसानों को हर महीने 1,000 रुपये की राशि दी जाए. इससे किसानों को हर महीना लाभ मिल जाएगा.कब शुरू हुई थी योजना?पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत साल 2019 में की थी. सरकार ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए इस योजना का आगाज किया है. इस योजना से अब तक 12 करोड़ किसान जुड़ चुके हैं.