नई दिल्ली:– विदेशों के साथ साथ स्थानीय मांग कमजोर रहने के बीच बीते सप्ताह देश के खाद्य तेल-तिलहन बाजार में सरसों और सोयाबीन तिलहन के दाम में गिरावट आई है। जबकि विदेशों में दाम सुधरने के कारण सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल और पामोलीन तेल के सस्ता होने के बीच जाड़े की मांग बढ़ने से मूंगफली तेल-तिलहन तथा बिनौला तेल के दाम में सुधार हुआ।
खबरों के मुताबिक बीते सप्ताह मांग के कमजोर रहने के बीच सरसों तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। कीमत की इस गिरावट की कारण मंडियों में सरसों की आवक भी घटी है जो पहले के लगभग 2 लाख बोरी से घटकर 1.40-1.45 लाख बोरी हो गई। जबकि देश में सरसों की रोजाना मांग 3.5-4 लाख बोरी की है।
निर्यात मांग के कारण कीमतों में आई गिरावट
इसके साथ ही डी-आयल्ड केक की कमजोर स्थानीय और निर्यात मांग के कारण सोयाबीन तिलहन कीमतों में गिरावट आई जबकि विदेशों में मजबूत होते दाम के कारण बीते सप्ताह सोयाबीन तेल के दाम में सुधार देखने को मिला। जबकि भारतीय कपास निगम ने किसानों से एमएसपी पर कपास नरमा खरीद तो की पर उससे निकलने वाले बिनौला की बिक्री बाजार भाव से कम या औने पौने दाम पर की जिसके कारण मूंगफली खल, सोयाबीन डीओसी और बाकी अन्य खलों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।
और सीसीआई को या तो पारदर्शी तरीके से बाजार भाव पर बिनौला बेचना चाहिये था या फिर उसे इसका स्टॉक जमाकर उचित कीमत मिलने तक इंतजार करना चाहिए था। सीसीआई के जरिए सस्ते दामों पर बिकवाली करने से बाकी तेल-तिलहन का कारोबर भी प्रभावित हुआ है।
सरकार के द्वारा कपास की एमएसपी पर खरीद करने की गारंटी के बावजूद हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे कई राज्यों में इसका बाजार भाव एमएसपी से 2-4 प्रतिशत नीचे है जो कपास का भाव, सीसीआई की बिनौला खल की सस्ती बिकवाली करने से पहले एमएसपी से राजस्थान, हरियाणा में 4-5 प्रतिशत अधिक होता था। अब सोयाबीन की सरकारी खरीद जैसे उपायों का कोई अपेक्षित परिणाम मिलने की संभावना कम है। इसके साथ ही सरकार के द्वारा किसानों के सारे सोयाबीन खरीद का काम असंभव प्रतीत होता है।
मौजूदा समय में न्यूनतम समर्थन मूल्य देखें
इसके बजाय देशी तेल-तिलहनों का बाजार विकसित करने और उसी के अनुरूप नीतियों को तैयार करने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि मलेशिया में सीपीओ का दाम पहले के 1,260-1,265 डॉलर प्रति टन से बढ़कर बीते सप्ताह 1,305-1,310 डॉलर प्रति टन हो जाने की वजह से समीक्षाधीन सप्ताहांत में सीपीओ और पामोलीनल के दाम भी मजबूती दर्शाते बंद हुए।
बता दें कि मौजूदा समय में न्यूनतम समर्थन मूल्य से सूरजमुखी लगभग 20 प्रतिशत, सोयाबीन लगभग 15 प्रतिशत और मूंगफली लगभग 10 प्रतिशत नीचे दाम पर बिक रहा है। बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 50 रुपये की गिरावट के साथ 6,575-6,625 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का थोक भाव 75 रुपये की गिरावट के साथ 13,725 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव में 10-10 रुपये की गिरावट के साथ 2,275-2,375 रुपये और 2,275-2,400 रुपये टिन पर बंद हुआ