कोरबा/पाली: जिले के चर्चित प्राचार्य मनोज सराफ पर उनके हाईस्कूल के कक्षा 9 वी से 12 के छात्रों द्वारा गंभीर आरोप लगा और उन्हें हटाए जाने की मांग को लेकर बीते 13 दिसंबर को स्कूल मुख्य गेट के सामने धरना पर बैठकर जमकर नारेबाजी किया गया तथा डीईओ के नाम ज्ञापन सौंपा। जबकि प्राचार्य सराफ ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए जांच में सहयोग करने की बात कही है।
गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल पाली के प्राचार्य मनोज सराफ के खिलाफ यहां के छात्रों ने एकाएक मोर्चा खोल स्कूल मुख्य गेट के सामने धरना पर बैठ उन्हें हटाए जाने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की। कक्षाओं का बहिष्कार कर बीते 13 दिसंबर को धरना पर बैठे छात्रों ने इस बाबत डीईओ के नाम ज्ञापन भी सौंपा जिसमे बताया है कि शिक्षकों के मना करने पर भी प्राचार्य द्वारा स्कूल को मिले प्रायोगिक सामाग्री को पिकअप वाहन में भरवाकर दूसरी जगह भेज दिया। स्कूल के प्रोजेक्टर, डीवीआर, बल्व व अन्य कीमती सामान भी घर ले गए। कुछ दिन पहले स्कूल का कम्प्यूटर भी गायब हो गया। स्कूल में एएफ, चालू खाता, बचत खाता, विज्ञान क्लब खाता, विज्ञान खाता सहित अन्य खाता के अलग- अलग प्रभारी है किंतु इन सबका लेखा- जोखा प्राचार्य स्वयं करते है। तथा भौतिक सत्यापन करने शिक्षकों पर अनावश्यक दबाव बनाते है। शिक्षकों के कार्यों जैसे जीपीएफ पार्ट फाइनल, अग्रिम राशि व अन्य कार्यों के लिए ट्रेजरी खर्च के नाम पर रुपए मांगा जाता है। छात्रों को माइग्रेशन, मार्कशीट, प्रवेश पत्र देने के नाम पर भी अतिरिक्त शुल्क देने का दबाव बनाया जाता है। छात्रों द्वारा प्राचार्य को हटाने की मांग को लेकर डीईओ के नाम सौंपे गए ज्ञापन में 42 बिंदुओं में इस प्रकार के कई अन्य गंभीर आरोप लगाए है। जबकि प्राचार्य द्वारा इन सभी आरोपों को एक सिरे से खारिज करते हुए बेबुनियाद बताया है तथा संस्था के कुछ लोगों द्वारा छात्रों को गुमराह करने तथा जांच में सहयोग करने की बात कही है।
बता दें कि प्राचार्य मनोज सराफ इसके पूर्व पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड अंतर्गत तानाखार हाईस्कूल में बतौर प्राचार्य पदस्थ थे। जहां वर्ष 2018 में गांव वालों ने स्कूल भवन के ऊपरी तल में एक युवती के साथ आपत्तिजनक हालत में इन्हें पकड़ा था। और जिसकी सूचना कटघोरा थाना को दी गई थी। तब पुलिस की टीम मौके पर पहुँच उक्त प्राचार्य को गिरफ्तार कर थाने ले गई थी जहां इन पर उचित कानूनी कार्यवाही भी हुई थी। गांव वालो को आशिक मिजाज इस प्राचार्य के कारनामे की सूचना पहले भी कई बार मिल चुकी थी। लेकिन उन्होंने प्राचार्य को रंगे हाथों पकड़ने की ताक में लगे हुए थे। और एक दिन हाईस्कूल भवन के ऊपरी तल में एक युवती के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया गया तथा जमकर खबर ली गई। शिक्षा के मंदिर में ऐसा कृत्य करने वाले उक्त प्राचार्य को तब निलंबित कर दिया गया था तथा जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। वहीं इनके बहाली पश्चात इन्हें छात्राएं अध्यनरत वाले स्कूल में पदस्थ न करने शासन- प्रशासन का खास निर्देश था, बावजूद इसके उन निर्देशों को दरकिनार कर 12 सौ छात्र- छात्राएं की संख्या वाले पाली हाईस्कूल में इनकी पदस्थापना कर दी गई। जहां छात्रों द्वारा वर्तमान गंभीर आरोप व हटाए जाने की मांग के पूर्व भी इनके कार्य रवैये को लेकर विमुख हो चुके है।