मध्य प्रदेश:- लंबे इंतजार के बाद सीएम मोहन यादव कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है. जैसाकि अनुमान लगाया जा रहा था कि बीजेपी अपने इस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चौंका सकती है. ठीक वैसा ही हुआ. कई सीनियर विधायक और कई पूर्व मंत्रियों का पत्ता काटकर बीजेपी ने नए चेहरों को मौका दिया है. इनमें से कई ऐसे विधायक हैं जो पहले बीजेपी से बगावत कर चुके थे जिन्हें इस चुनाव में मौका दिया गया. इन नामों ने न सिर्फ दिग्गजों को चौंका दिया बल्कि खुद विधायक से मंत्री बनने जा रहे लोगों को भी चौंकाया है.
दरअसल बीजेपी ने अपने कैबिनेट विस्तार में जातिगत समीकरणों के साथ ही उम्र का फैक्टर भी साध लिया है. कई नए और युवा चेहरों को मौका दिया है. इनमें प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह राकेश शुक्ला, दिलीप जायसवाल, गौतम टेटवाल, प्रतिमा बागरी, दिलीप अहिरवार, नरेन्द्र शिवाजी पटेल, संपतिया उईके, निर्मला भूरिया, नागर सिंह चौहान ये ऐसे नाम हैं जो पहली बार विधायक बनकर आए और पहली ही बार में कैबिनेट में जगह बनाने में कामयाब हुए हैं.
लोकसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं. इसीलिए मंत्रिमंडल के विस्तार में इतनी देरी में देखने को मिली है.
बड़े चहरों को हाथ लगी मायूसी
मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट में पिछली बार के कई मंत्रियों को जगह नहीं मिली है. जिनमें सबसे सीनियर विधायक गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, जयंत मलैया जैसे विधायकों को इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिली है. ऐसा पहले से ही अनुमान था कि तीन बार के मंत्रियों के नामों की छटनी हो सकती है.