यमन के हूती विद्रोहियों को अमेरिका ने एक बार फिर आतंकी संगठन घोषित किया है. 17 जनवरी को जो बाइडेन सरकार ने इसे फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेश के साथ साथ स्पेशियली डेजिगनेटेड टेररिस्ट ग्रुप घोषित किया है. इन सबके बीच हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने अमेरिकी कार्गो शिप चेम रेंजर पर मिसाइल से हमला किया है.हूतियों के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने कहा कि अदन की खाड़ी में हमने निशाना बनाया है. हालांकि यह साफ नहीं है कि मिसाइल से हमला कब किया गया. अमेरिका की दो टूक
याह्या सारी का कहना है कि हमने वही किया है जो हमें करना चाहिए था. हूतियों के खिलाफ अमेरिकी एक्शन बर्दाश्त के बाहर है और हमें अपनी रक्षा करने का हक है. हाल ही में अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के दो एंटी शिप मिसाइल को तबाह कर दिया था. ऐसा माना जा रहा था कि वो रेड सी में कार्गो शिप पर निशाना बनाने की तैयारी कर रहे थे. पेंटागन ने कहा कि हमें इस बात कि पुख्ता जानकारी मिली थी कि लाल सागर में हूती किसी खतरनाक योजना पर काम कर रहे हैं. बाइडेन सरकार का कहना है कि लाल सागर में जब तक कमर्शिल और सैन्य जहाजों पर हूती निशाना साधेंगे हमारी कार्रवाई जारी रहेगी.
अमेरिका कार्गो क्यों बन रहे हैं निशानासवाल यह है कि आखिर हूती विद्रोही रेड सी और अदन की खाड़ी में कार्गो शिप पर निशाना क्यों साध रहे हैं. हूती आतंकी संगठन का कहना है कि उनका मकसद साफ है, ऐसे देश जो हमास-इजरायल लड़ाई में इजरायल का समर्थन कर रहे हैं उन्हें वो निशाना बनाएंगे. इसके साथ ही वो यह चाहते हैं कि गाजा पट्टी में हमास और निर्दोष फिलिस्तीनियों को निशाना ना बनाया जाए.
यहां पर सवाल अब यह है कि अमेरिका का इससे क्या लेना देना. दरअसल पिछले साल 7 अक्टूबर को जब हमास ने इजरायल पर आतंकी हमला किया था. उसके बाद इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहूू ने कहा था कि निर्णायक फैसले तक जंग जारी रहेगी.