नई दिल्ली:- सरकार ने किसानों की उपज को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया है, जिनमें से एक है ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’. इस योजना के माध्यम से किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता की पूरी जानकारी प्राप्त होती है, जिससे उन्हें बेहतर उत्पादन करने में मदद मिलती है.
क्यों है मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना महत्वपूर्ण
हम सभी जानते हैं कि अच्छी उपज के लिए मिट्टी की गुणवत्ता अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, इस गुणवत्ता की जानकारी बहुत से किसानों को नहीं होती है, जिसके कारण वे सही तरीके से खेती नहीं कर पाते हैं और उन्हें अच्छी उत्पादन की संभावना कम हो जाती है। इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की है।
कैसे कार्ड बनवाएं
मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाने के लिए आपको ऑफिशियल वेबसाइट soilhealth.dac.gov.in पर जाना होगा। वहां आपको आवश्यक जानकारी भरनी होगी और उसके बाद मिट्टी की जांच के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह आपको न केवल अपने खेत की मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में सही जानकारी देगा, बल्कि आपको यह भी बताएगा कि आपके खेत में कौन सी फसलें उत्तम रूप से उगाई जा सकती हैं।
कार्ड से क्या होता है लाभ
मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनने के बाद, किसानों को मिट्टी की सेहत, उत्पादक क्षमता, मिट्टी में नमी का स्तर, क्वालिटी और मिट्टी की कमजोरियों को सुधारने के तरीकों के बारे में सटीक जानकारी मिलती है। इससे न केवल उनकी खेती में लागत कम होती है, बल्कि उनकी उपज भी पहले की तुलना में बढ़ जाती है।
कहां होती है मिट्टी की जांच
मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार, देशभर में मृदा जांच केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां किसान अपनी मिट्टी की जांच करवा सकते हैं। इन प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों द्वारा जांच के बाद मिट्टी के गुण-दोष की लिस्ट तैयार की जाती है, जिसमें खासकर उनकी खेती के लिए उपयुक्त सुझाव शामिल होते हैं।